आदत से मजबूर!
जीतो ने संता से नाराज़ होकर मौन व्रत रख लिया।
दो दिन बीत गए पर जीतो ने संता से कोई बातचीत नहीं की तो संता बहुत परेशान हो गया।
तीसरे दिन संता ने शाम को एक मोमबत्ती जलाई और कमरे में इधर-उधर कुछ ढूंढ़ने लग गया।
यह देख जीतो से रहा ना गया तो वो एक दम से संता पे चिल्लाने लगी,'क्या ढूंढ रहे हो? क्यों परेशान कर रहे हो इतनी देर से, लाइट होने के बावज़ूद भी मोमबत्ती लेकर घूम रहे हो, पागल हो गए हो क्या?
संता: कुछ नहीं बस तुम्हारी जीभ खो गयी थी न, वही ढूंढ रहा था पर लगता है तुम्हें वापिस मिल गयी है!
खाने में क्या बनाऊं?
पत्नी: खाने में क्या बनाऊं?
पति: कुछ भी बना लो, क्या बनाओगी?
पत्नी: जो आप कहो?
पति: दाल चावल बना लो।
पत्नी: सुबह ही तो खाये थे।
पति: तो रोटी सब्जी बना लो।
पत्नी: बच्चे नहीं खायेंगे।
पति: तो छोले पूरी बना लो।
पत्नी: मुझे तली हुई चीज़ें भारी लगती हैं।
पति: अंडे की भुर्जी बना लो।
पत्नी: आज वीरवार है।
पति: परांठे?
पत्नी: रात को परांठे नहीं खाने चाहिए।
पति: होटल से मंगवा लेते हैं।
पत्नी: रोज-रोज बाहर का नहीं खाना चाहिए।
पति: कढ़ी चावल?
पत्नी: दही नहीं है।
पति: इडली सांभर?
पत्नी: समय लगेगा, पहले बोलना था।
पति: एक काम करो मैग्गी बना लो।
पत्नी: पेट नहीं भरता मैग्गी से।
पति: तो फिर क्या बनाओगी?
पत्नी: जो आप बोलो।
कहीं शुरू न हो जाये!
एक बार संता शाम को घर आया, टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ।"
जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई।
चाय पीते-पीते संता दोबारा जीतो से बोला, "इससे पहले शुरू हो जाये, मेरे लिए कुछ खाने के लिए भी लेकर आओ।"
जीतो को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने संता को कुछ खाने के लिए भी दे दिया और वापस अपने काम में लग गयी।
थोड़ी देर बाद संता दोबारा बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये, यह बर्तन उठाओ यहाँ से।"
जीतो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और संता पर चिल्लाते हुए बोली, "मैं तुम्हारी कोई नौकरानी नहीं हूँ, जो मुझ पर इस तरह अपना हुकुम चला रहे हो। जब से आओ कुछ न कुछ हुकुम किये जा रहे हो जैसे यहाँ कोई तुम्हारा गुलाम है।"
संता उठा और गहरी सांस लेते हुए बोला, "लो शुरू हो गया।"
डॉक्टर की घंटी बज गयी!
एक दरवाजे पर एक घंटी लगी हुई थी, जिस पर लिखा था, 'डॉक्टर के लिए घंटी बजाइए।'
आधी रात को संता शराब में टुन्न उधर से निकला, उसने घंटी देखी, फिर ऊपर लिखी लाइन पढ़ी और फिर घंटी बजाने लगा।
थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और आँखें मलता हुआ एक आदमी बाहर निकला।
संता ने पूछा,"आप डॉक्टर हैं?"
डॉक्टर: हाँ।
संता: यह घंटी आप खुद नहीं बजा सकते?
शतरंज के खिलाडी!
एक बार एक शतरंज का ग्रैंडमास्टर संता और बंता से बोला, चलो यार शतरंज खेलते हैं।
संता: नहीं, आप तो हमें आसानी से हरा दोगे।
ग्रैंडमास्टर: अछा चलो, तुम दोनों और मैं अकेला।
बंता: फिर भी हम हार जाएंगे।
ग्रैंडमास्टर: ठीक है, चलो मैं बाएं हाथ से खेलूंगा।
संता-बंता: हां फिर ठीक है।ग्रैंडमास्टर संता-बंता को हरा कर चला जाता है।
संता: बड़ी शर्मनाक बात है यार, उसने हमें उल्टे हाथ से भी हरा दिया।
बंता: अबे, वो हमें बेवकूफ बना गया।
संता: कैसे?
बंता: वो लेफ्टी ही होगा।
शोर मत करो!
एक मोहल्ले में सुबह सुबह एक शराबियों की टोली निकली जिसने की बहुत ज्यादा शोर मचा रखा था।
मोहल्ले के चौराहे पर वे सब बैठ गए और जोर जोर से चिल्लाते हुए बाते करने लगे।
पास वाले घर से एक महिला ने शराबियों को आवाज दी कि शोर मचाना बंद करो और यहाँ से चले जाओ।
तभी उन में से एक शराबी बोला, "अरे क्या आप बता सकती हैं कि इधर बंता कहाँ पर रहता है?"
महिला ने जवाब दिया,"जी हाँ वो मेरे पति हैं।"
शराबी ने कहा, " तो क्या आप आकर उसे यहाँ से ले जा सकती हैं ताकि हम भी अपने अपने घर चले जाएँ।"
आज आखिरी दिन है!
संता एक बार में जाता है और बार वाले से कहता है,"मुझे एक जोरदार पैग पिलाओ।"
बार वाला पैग लेकर आता है, संता पैग उठाता है और इसे इसे एक सांस में पी जाता है।
संता एक और पैग लाने के लिए कहता है वह भी जल्दी पी के रख देता है।
पांच, छह पैग पीने के बाद बार वाला सोचता है, कि अब वो उसे और शराब नहीं पिलाएगा, बार वाला संता से कहता है, "अरे आज क्या बात है? क्या बीवी से झगड़ा हुआ है या कुछ और?"
संता आह भरते हुए कहता है, "हाँ झगड़ा हुआ है और झगड़े के बाद मेरी बीवी ने कहा एक महीने तक उससे बात नहीं करनी।"
बार वाले ने कहा, "तो इसमें गलत क्या है?"
संता ने कहा, अरे आज बात न करने का आखिरी दिन है।
तलाक का अनोखा कारण!
बंता: प्रीतो और मैं तलाक ले रहे है।
संता हैरान होते हुए, "क्यों क्या हुआ तुम दोनों तो बहुत अच्छे से रहते हो।"
बंता: जब से हम लोगों ने शादी की है तब से प्रीतो मुझे बदलने की कोशिश में लगी हुई है, सबसे पहले उसने मुझे शराब पीने से रोका, फिर सिगरेट फिर इधर-उधर आवारा घूमने से। उसने मुझे सिखाया कि अच्छे कपड़े कैसे पहनते है, उसने मुझे संगीत और कला के प्रति रूचि आदि सब सिखाये और स्टॉक मार्केट में कैसे निवेश करना है ये सब भी उसी ने सिखाया।
संता ने कहा, "क्या तुम बस इसलिए नाराज हो कि उसने तुम्हें बदलने के लिए ये सब किया।"
बंता: अरे मैं नाराज नहीं हूँ मैं अब काफी सुधर चुका हूँ तो अब वो मुझे अपने लायक नहीं लगती।
संता की लॉटरी!
संता ने एक लॉटरी टिकट ख़रीदा और उसकी लॉटरी भी निकल गयी।
वह लॉटरी का दावा करने के लिए लॉटरी टिकट लेकर अपने नम्बर की पुष्टि करने जाता है।
संता वहां बैठे आदमी से कहता है,"मैंने लॉटरी के 10 लाख रूपए जीते है और वे मुझे अभी चाहिए।"
वहां बैठा आदमी संता से कहता है,"सर हम इस तरह लॉटरी का पूरा पैसा एक ही बार में आपको नही दे सकते, हम आपको अभी एक लाख देंगे और बाकि के नौ लाख अगले नौ साल में देंगे।"
संता ने कहा,"अरे ऐसा नही होता मैंने लॉटरी जीती है और मुझे सारा पैसा अभी के अभी चाहिए।"
वह आदमी फिर से कहने लगा,"देखिये सर हम अभी आपको केवल एक लाख ही दे सकते हैं बाकि की राशि अगले नौ सालों में ही देंगे।"
संता ने बहुत ही गुस्से में उस आदमी से कहा,"देखो मुझे मेरा पैसा चाहिए अगर तुम मुझे 10 लाख अभी नही दे सकते हो तो मेरा वह 100 रूपया वापस कर दो जिससे मैंने लॉटरी का टिकट ख़रीदा था।
संता की वेशभूषा!
पप्पू ने संता के सिर पर एक अजीब से टोपी देखी तो पूछा,"पापा ये आपने आज अजीब सी टोपी क्यों पहनी हुई है।"
संता ने जवाब दिया,"बेटा यह रेगिस्तान में गर्मी से हमारे सिर की रक्षा करती है।"
पप्पू: आपने कपड़े भी अजीब किस्म के पहने हुए हैं, ऐसा क्यों?
संता: बेटा ये ख़ास प्रकार के कपड़े हैं जो बहुत गर्मी में हमारे शरीर की रक्षा करते हैं।
पप्पू: पापा आपने अजीब प्रकार के जूते भी पहने हुए है, ऐसा क्यों?
संता: बेटा रेगिस्तान की रेत बहुत गर्म होती है उसमें चलने के लिए यह एक ख़ास प्रकार का जूता है।
पप्पू: तभी आपके ऊपर चुटकुले बनते हैं पापा ज़रा आँखे खोल के देखो हम रेगिस्तान में नहीं मनाली में हैं?
संता की कुंडली!
संता ज्योतिषी के पास कुंडली दिखाने गया।
ज्योतिषी: तेरा नाम संता है?
संता: जी हाँ।
संता: तेरी बीवी का नाम जीतो है?
संता: जी हाँ।
ज्योतिषी: तेरे पास एक बेटी और एक बेटा है?
संता: जी हाँ।
ज्योतिषी: जिनके नाम पिंकी और पप्पू हैं?
संता: जी हाँ।
ज्योतिषी: तूने अभी 10 किलो चावल खरीदे हैं?
संता: आप तो अन्तर्यामी हैं महाराज।
ज्योतिषी: दफ़ा हो जाओ यहाँ से, अगली दफ़ा कुंडली लाना, राशन कार्ड नहीं।
परेशानी का हल!
बंता: यार संता क्या इस धरती पर कोई ऐसा इंसान है जिसे परेशानी ना हो?
संता: नहीं तो।
बंता: तो यार अगर किसी की ज़िन्दगी में कोई परेशानी हो तो किसके पास जाना चाहिए?
संता: किसान के पास।
बंता: किसान के पास वो क्यों?
संता: क्योंकि उसके पास हल होता है।
बुढ़िया कहाँ गई!
एक बार एक बुढ़िया मर गयी तो उसकी बेटी जोर-जोर से रोने लगी और बोली।
बेटी: "अम्मा कहाँ गयी तू, जहां ना धूप-ना छाँव, ना रोटी-ना सब्जी, ना बिजली ना पानी।
साथ में ही संता और बंता भी शोक मनाने गये हुए थे।
संता ने साथ में बैठे बंता को कोहनी मारी और बोला, "अबे देख बुढ़िया कहीं हमारे घर पे तो नहीं चली गयी?"
संता का हौंसला!
एक बार संता की पत्नी बीमार हुई तो संता ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
कुछ देर तक ऑपरेशन थियेटर में संता की पत्नी का मुआयना करने के बाद जब डॉक्टर बाहर आया तो संता ने डॉक्टर से पूछा , "क्या हुआ डॉक्टर साहब सब ठीक तो है ना?"
डॉक्टर: संता एक बहुत ही बुरी खबर है।
संता: क्या हुआ डॉक्टर साहब?
डॉक्टर: तुम्हारी पत्नी अब बस पांच घंटों की ही मेहमान है।
संता : कोई बात नहीं डॉक्टर साहब अब जहां पांच साल बर्दाश्त किया है तो पांच घंटे और सही।
कड़क रोटी!
एक बार संता एक दांतों के डॉक्टर के पास जाता और अपनी परेशानी बताता है।
डॉक्टर : वो तो सब ठीक है पर आपके ये तीन दांत टूटे कैसे?
संता: पत्नी ने कड़क रोटी बनाई थी।
डॉक्टर: अरे तो दांत तुडवाने से अच्छा था कि आप खाने से मना कर देते।
संता: वही तो किया था।
संता को प्यार हो गया!
एक बार संता को एक करोडपति बाप की इकलौती बेटी से प्यार हो जाता है तो वह शादी का प्रस्ताव लेकर लड़की के घर जाता है!
जैसे ही वह लड़की के घर पहुँचता लड़की का बाप उस से पूछता है;
लड़की का बाप: अगर मेरी लड़की गरीब बाप की बेटी होती तो क्या फिर भी तुम उसे प्यार करते?
लड़की के बाप की बात सुन कर संता ने उसे पटाने के लिए बड़े ही फ़िल्मी स्टाइल में जवाब दिया!
संता: जी हाँ बेशक!
लड़की का बाप: तुम जा सकते हो, मैं अपनी बेटी का विवाह तुमसे नहीं करूंगा, क्योंकि मुझे अपने परिवार में मूर्खों की संख्या नहीं बढ़ानी है!