कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयम से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा. और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें,तभी आगे बढें
Chanakya
जैसे ही भय आपके करीब आये , उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.
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पहले पाच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये . अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये. जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यव्हार करिए.आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं.
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सांप के फन , मक्खी के मुख में और बिच्छु के डंक में ज़हर होता है; पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे भरा होता है.
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कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों. ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी.
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हे बुद्धिमान लोगों ! अपना धन उन्ही को दो जो उसके योग्य हों और किसी को नहीं. बादलों के द्वारा लिया गया समुद्र का जल हमेशा मीठा होता है.
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सारस की तरह एक बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए और अपने उद्देश्य को स्थान की जानकारी, समय और योग्यता के अनुसार प्राप्त करना चाहिए.
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परिश्रम वह चाबी है,जो किस्मत का दरवाजा खोल देती है |
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अपने ईमान और धर्म बेचकर कर कमाया गया धन अपने किसी काम का नहीं होता। अत: उसका त्याग करें। आपके लिए यही उत्तम है।
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संतुलित दिमाग से जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है,और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है.
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