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Category: गुण और फायदे
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गाजर के फायदे - उपयोग-  नुकसान - औषधीय गुण

 

जीवन जीने के लिये, शरीर का स्वस्थ होना बहुत जरुरी है. स्वस्थ रहने के लिये, शरीर मे हर चीज की मात्रा या संतुलन होना, बहुत आवश्यक है. जीवन की हर एक वस्तु बहुत उपयोगी होती है परन्तु , एक संस्कृत की कहावत है बहुत पुरानी, अति सर्वत्र वर्जयेत् अर्थात् किसी भी चीज़ की अति, नुकसानदायक होती है. शरीर को स्वस्थ रखने के लिये, फल-सब्जिया बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुई परन्तु, वो भी एक सीमित मात्रा मे, ही लेना चाहिये .
गाजर बहुत ही उपयोगी, सब्जियों मे से एक है . जो पहले के समय मे, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम मे, मिलती है पर बदलते समय के साथ, अब बारहमासी सब्जीयों मे से एक हो गई है
गाजर का हलवा भी बहुत लाभकारी होता है. गाजर अपने आप मे, बहुगुणी सब्जी है जो, शरीर के कई अंगो के लिये फायदेमंद साबित हुई है . इसी के साथ गाजर कई बीमारियों मे, रामबाण औषधि के रूप मे, भी साबित हुई है 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो गाजर स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम आहार में से एक है। गाजर अनेक पौष्टिक गुणों से भरपूर है। इसमें विटामिन ए, सी, के और बी8, पैंटोथेनिक एसिड, फोलेट, पोटेशियम, लौह, तांबा और मैंगनीज जैसे और भी खनिज व विटामिन्स निहित है। गाजर को जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी बनाता है वो है इसमें उच्च मात्रा में मौजूद - फाइबर और बीटा-कैरोटीन। और अच्छी बात तो यह है कि गाजर पुरे वर्ष बाजार में आसानी से उपलब्ध होती है।

 

गाजर के फायदे एवम उपयोग 

गाजर का कैलोरी चार्ट

भागमभाग की इस दुनिया मे, हर व्यक्ति कही ना कही, एक कैलकुलेशन लेकर चलता है जोकि, शरीर के लिये भी बहुत जरुरी है . डॉक्टर भी सबसे पहले कैलोरी चार्ट बना कर देते है जिससे, शारीरिक संतुलन बराबर चले . किसी भी चीज़ की ना तो कमी हो, ना ही अति हो . उसी तरह गाजर का कैलोरी चार्ट, नीचे दिया गया है .

गाजर की मात्रा : 100 ग्राम

नुट्रीशियन   अमाउंट
  बेसिक कंपोनेंट्स  
प्रोटीन   .10 gm
वाटर   4.7gm
  कैलोरीज  
टोटल कैलोरीज   40
  कार्बोहाइड्रेट  
टोटल कार्बोहाइड्रेट   12 g
शुगर   4.5 g
  फैट एंड फैटी एसिड्स  
टोटल फैट   49g
  विटामिन्स  
विटामिन्स A   330%
विटामिन्स C   10%
विटामिन्स B6   6%
  मिनरल्स  
कैल्शियम   5%
आयरन   2%
मैग्नीशियम   5%
फॉस्फोरस   1%

 

गाजर के दो वर्ग होते है – एशियाई और यूरोपियन। गाजर का रंग गुलाबी और बैंगनी होता है। बैंगनी गाजर को जिस समय छीला जाता है, उस समय उसका रंग हाथों पर उतर आता है। बैंगनी रंग की गाजर को ही भारतीय माना जाता है। यह गाजर आकार में छोटी व बड़ी दोनों ही प्रकार की होती है। पीले और गुलाबी रंग की गाजर की क़िस्में विदेशी होती हैं। विदेशी गाजरों का आकार छोटा होता है।

  1. पूसा केसर- इस क़िस्म का विकास भारतीय कृषि ने किया है। यह गाजर रंग में केसरिया होती है। इसमें देशी और विदेशी दोनों ही क़िस्मों के दोनों ही गुण होते हैं, क्योंकि इसका विकल्प इन दोनों किस्मों के मेलजोल से उत्पन्न किया गया है।
  2. हाफ़ लौंग नैण्टेज और कोर लैंस– गाजर की ये क़िस्में यूरोपियन हैं। ये आकार में ठूंठदार, बेलनाकार, स्वाद में मीठी तथा रंग में नारंगी होती हैं। भारत में इसका प्रचलन बहुत अधिक है।
  3. कैनटैनी- इस क़िस्म की गाजर का नीचे वाला भाग गोल होता है, यह सामान्य क़िस्मों से कुछ भिन्न होती है। इसका रंग गहरा नारंगी होता है |

 

गाजर के फायदे और इसकी रोगों से लड़ने की शक्ति

 

गाजर के रस के लाभ

 

 

नि:सन्देह गाजर का रस सभी रोगों को ठीक करने में बहुत ही लाभकारी होता है फिर भी जुकाम, जीर्ण ज्वर, न्यूमोनिया, या तेज बुखार में गाजर के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। इसका कारण यह है कि रोग होने के समय शरीर के अन्दर के विषैलें द्रव्य बाहर निकालते हैं। ऐसी अवस्था में गाजर का रस या कोई भी अन्य पेय पदार्थ या फिर कोई भी आहार इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करेगा लेकिन टान्सिलाइटिस, पेचिश, आंत की जलन, एनीमिया, पथरी, बवासीर, अल्सर और खून से सम्बंधित रोग आदि में गाजर का रस उपयोगी सिद्ध होता है।

 

गाजर से विभिन्न रोगों के घरेलु उपचार : Health Benefits of Carrots

1. नींद न आना (अनिद्रा): 

2. प्लीहा वृद्धि (तिल्ली): तिल्ली की वृद्धि को कम करने के लिए गाजर के अचार का सेवन करना लाभदायक होता है।

3. आधासीसी (माइग्रेन) अधकपारी:  गाजर के पत्तों पर घी लगाकर इसे हल्का गर्म करके इसके बाद इसे पीसकर रस निकला लें तथा इस रस को बूंद-बूंद करके नाक में डालने से आधासीसी (माइग्रेन) का रोग दूर हो जाता है।

4. पेट के कीड़े: 

5. नकसीर: 200 मिलीलीटर गाजर के रस और 50 मिलीलीटर पालक के रस को एक साथ मिलाकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) रुक जाती है।

6. दिल का तेज धड़कना: 

7. चेहरे की झाई: गाजर को पीसकर उसका रस निचोड़ लें या उसका रस निकालकर उसमें चन्दन का बुरादा, गुलाब जल और बेसन को मिलाकर लेप बना लें। इसको चेहरे पर अच्छी तरह रगड़कर लगाने से चेहरे पर चमक आती है।

8. सिर का फोड़ा:  गाजर को पीसकर सिर के फोड़ें पर लगाने से फोड़ा ठीक होने लगता है।

9. उच्चरक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर):  गाजर के रस में शहद मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) कम होता है और लाभ मिलता है।

10. त्वचा के रोग के लिए:

11. हृदय की दुर्बलता:

12. हृदय रोग:1 कप गाजर का रस 40 दिन तक रोगी को पिलाने से हृदय रोग ठीक हो जाता है।

13. निम्न रक्तचाप (निम्न ब्लड प्रेशर):

14. दाद: 

15. पीलिया:

16. तुण्डिका शोथ (टांसिल): गाजर के रस में 2 चम्मच शहद या आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीने से टांसिल रोग ठीक हो जाता है।

17. शारीरिक सौन्दर्यता बढ़ाना: गाजर, कच्ची पत्तागोभी, टमाटर, ककड़ी, मूली आदि का सलाद भोजन के साथ खाने से शरीर की खूबसूरती बनी रहती है।

18. सिर का दर्द:

19. चेहरे को साफ करना:

20. याददास्त कमजोर होना:

 

गाजर खाने के नुकसान: 

अधिक मात्रा में गाजर खाने से पेट में दर्द हो रहा हो तो गुड़ खाना लाभकारी होता है। जिन व्यक्तियों के पेट में गैस बनने की शिकायत हो उन्हें गाजर का रस या गाजर को उबालकर उसका पानी पीने के लिए दें, इससे उन्हें लाभ मिलेगा। गाजर खाने के बाद तुरन्त कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए और गाजर के बीच का पीला भाग नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसे खाने से खांसी होती है।