खुश रहने वालो में होती है कुछ खास आदते जो हमेंशा उन्हें खुश रखती है
दोस्तों खुश रहना मनुष्य का जन्मजात स्वाभाव होता है. आखिर एक छोटा बच्चा अक्सर खुश क्यों रहता है? क्यों हम कहते हैं कि बचपन के दिन सबसे बढ़िया और खुशमिजाज होते है अपने जीवन में खुश रहना कौन नहीं चाहता और सभी खुश रहने की कोशिश भी करते हैं। ये सवाल तो हम सभी के दिमाग में आता है की काश बचपन के दिन लौट आएं या बचपन सबसे खुशहाल समय होता है। दरअसल मनुष्य का स्वभाव हमेशा से खुश रहने का ही होता है और इसी कारण बचपन में हम हमेशा खुश रहते हैं लेकिन जैसे जैसे हम बड़े होते जाते हैं हम पर जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ता है और हम अपने जीवन में और कमाई करने में इतने व्यस्त हो जाते हैं की हम हमारे जीवन से खुशहाली खो देते हैं। लेकिन इसके विपरीत कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमेशा खुश रहते हैं। खुश रहने वाले लोग व्यर्थ की चिंता नहीं करते और हमेशा खुश मिजाज रहते हैं।
खुश रहने के लिए जितना यह जानना जरूरी है कि आखिर क्या किया जाए, उतना ही यह जानना भी जरूरी है कि कौन से काम न किये जाएं। तो चलिये जानते हैं कि खुश रहने वाले लोग किन कामों से दूर रहते हैं।
- दूसरों पर दोष नहीं
जो लोग खुश रहते हैं वे अपनी समस्याओं के लिए दूसरों पर दोषारोपण नहीं करते। जब हालात गैरमुफीद होते हैं, तब वे दूसरों को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराते। वे आगे बढ़कर खुद जिम्मेदारी लेते हैं। भले ही इन हालात के लिए काफी हद तक दूसरा व्यक्ति ही जिम्मेदार क्यों न हो। आप यह सोचकर हैरान हो सकते हैं कि समस्याओं के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराने से वे लज्जा और आत्मग्लानि के शिकार हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता।
क्या किया जा सकता है: अगर हम अपनी समस्याओं का उत्तरदायित्व लेते हैं, तो उन्हें सुलझाने का दायित्व भी हमारा होता है। इससे हम अधिक प्रभावशाली तरीके से अपने जीवन और खुशियों का प्रबंधन कर सकते हैं। इससे हमें समस्याओं को सुलझाने का आत्मविश्वास भी मिलता है। - खुश रहने वाले माफ़ करना जानते हैं और माफ़ी माँगना भी
हर किसी का अपना -अपना ego होता है, जो जाने -अनजाने औरों द्वारा hurt हो सकता है. पर खुश रहने वाले छोटी -मोती बातों को दिल से नहीं लगाते वो माफ़ करना जानते हैं, सिर्फ दूसरों को नहीं बल्कि खुद को भी.
और इसके उलट यदि ऐसे लोगों से कोई गलती हो जाती है, तो वो माफ़ी मांगने से भी नहीं कतराते. वो जानते हैं कि व्यर्थ का ego उनकी life को complex बनाएगा इसलिए वो “Sorry” बोलने में कभी कंजूसी नहीं करते. मुझसे भी जब गलती होती है तो मैं कभी उसे सही ठहराने की कोशिश नहीं करता और उसे स्वीकार कर के क्षमा मांग लेता हूँ.
माफ़ करना और माफ़ी माँगना आपके दिमाग को हल्का करता है, आपको बेकार की उलझन और परेशान करने वाली thoughts से बचाता है, और as a result आप खुश रहते हैं. - खुशमिजाज लोग अच्छाई खोजते हैं बुराई नहीं
अक्सर ऐसा देखा गया है की इंसान की आदत होती है वो नकारात्मकता से जल्दी घिर जाता है। लोग दूसरों की अच्छाइयों की बजाये उनकी कमियां पहले देखते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में नकारात्मकता बढ़ जाती है और ये तनाव का कारण बनती है। जबकि खुश रहने वाले लोग दूसरे लोगों और हर परिस्थिति में अच्छाई ही तलाशते हैं जो उन्हें हमेशा सकारात्मक बनाता है ऐसे में उनका जीवन खुशहाल बना रहता है। - बुरा नहीं बोलते
खुश लोग नकारात्मक भाषा का प्रयोग नहीं करते। वे न तो दूसरों का अपमान करते हैं और न ही दूसरों को अपना अपमान करने का अवसर ही देते हैं। वे न तो अंतर्मन में किसी का अपमान करते हैं और न ही बाहर ऊंची आवाज में बात करते हैं।
क्या किया जा सकता है: जब आप नकारात्मक भाषा का प्रयोग करते हैं, तो वे नकारात्मक भाव कहीं न कहीं आपके मन में बैठ जाती हैं। बेहतर तो यह है कि आप सोचें कि पहले आप इस परिस्थिति से कैसे उबर पायें हैं। इन हालात से कुछ सीखें और खुद को बेहतर इनसान बनाने का प्रयास करें। - सामाजिक बनकर रहते है
दोस्त और परिवार तो सभी के होते हैं लेकिन इस बात का आंकलन करना बेहद जरुरी है की आपके कितने ऐसे दोस्त हैं जो आपकी मदद करने को किसी भी वक्त तैयार रहते हैं। अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो अपने परिवार और दोस्तों को महत्त्व दें और उनसे छोटी छोटी खुशियां भी शेयर करें। उन्हें जन्मदिन और हर ख़ुशी के मौके पर बधाई दें और उनके साथ ख़ुशी के पल बिताएं इससे आपके जीवन में खुशहाली आएगी और आपका मिजाज हमेशा खुश रहेगा। -
खुश रहने वाले अपने मन का काम करते हैं या जो काम करते हैं उसमे मन लगाते हैं
यदि आप अपने interest का, अपने मन का काम करते हैं तो definitely वो आपके Happiness Quotient को बढ़ाएगा, लेकिन ज्यादातर लोग इतने lucky नहीं होते, उन्हें ऐसी job या business में लगना पड़ता है जो उनके interest के हिसाब से नहीं होतीं. पर खुश रहने वाले लोग जो काम करते हैं उसी में अपना मन लगा लेते हैं, भले ही parallely वो अपना पसंदीदा काम पाने का प्रयास करते रहे.मैंने कई बार लोगों को जहाँ job करते हैं उस company की बुराई करते सुना है, अपने काम को दुनिया का सबसे बेकार काम कहते सुना है, ऐसा करना आपकी life को और भी difficult बनता है. खुश रहने वाले अपने काम की बुराई नहीं करते, वो उसके सकारात्मक पहलुओं पर focus करते हैं और उसे enjoy करते हैं.
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खुश रहने वाले जिम्मेदारी लेते हैं
खुश रहने वाले लोग कभी भी अपने काम में रूकावट आने पर या असफलता मिलने पर दूसरों को नहीं कोसते बल्कि उसकी जिम्मेदारी खुद लेते हैं क्योंकि उस काम को करने में सबसे बड़ा योगदान उनका खुद का ही होता है। खुश रहने वाले लोग हमेशा अपनी असफलताओं पर विचार करते हैं और अपनी कमियों को दूर करते हुए आगे बढ़ते हैं। दूसरों को दोष देना हमारी कमजोरी दर्शाता है और ये कमजोरी हमारे तनाव और असफलता का कारण बनती है। -
फंसा हुआ महसूस नहीं करते
खुशमिजाज लोग स्वयं को कभी भी फंसा हुआ महसूस नहीं करते। वे हमेशा मौजूद विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जब बाहृय शक्तियां उनके रास्ते में मुश्किलें पैदा करती हैं, वे तब भी मुश्किल हालात से निकलने के रास्ते तलाश करते रहते हैं। वे स्वयं को हालात का मारा समझने के बजाय उससे लड़ने वाला लड़ाकू समझते हैं। खुद को नियति और परिस्थितियों का गुलाम समझना अप्रसन्नता का मूल कारण है।
क्या किया जा सकता है: जब भी आप स्वयं को परिस्थितियों के वशीभूत मानें, तो स्वयं से सवाल करें कि आखिर कैसे आप स्वयं की क्षमताओं का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं। -
पुरानी नाकामी में न रहना
नाखुश लोग अपनी पुरानी नाकामियों से बाहर नहीं निकल पाते। इस कारण उनका वर्तमान और भविष्य दोनों खराब होते हैं। लेकिन खुश रहने वाले लोग ऐसा नहीं करते। वे अपनी गलतियों को याद तो रखते हैं, लेकिन हमेशा उनका मलाल नहीं करते रहते। वे अपनी गलती से सीखते हैं और भविष्य की योजना बनाते हैं।
क्या किया जा सकता है: जब भी आपके दिमाग में कोई पुरानी बात आने लगे, तो इस बारे में विचार करें कि आखिर आपने अपनी गलती से क्या सीखा। और आगे से उसे करेन से कैसे बचना है। -
खुश रहने वाले हर उस बात पर यकीन नहीं करते जो उनके दिमाग में आती हैं:
विज्ञानिको के अनुसार हमारा दिमाग में हर रोज़ 60,000 विचार जनम लेते है , और एक आम आदमी के case में इनमे से अधिकतर विचार नकारात्मक होते है, अगर आप हर रोज अपने दिमाग में हजारो नकारात्मक विचार भरेंगे तो खुश रहना तो मुश्किल होगा ही.इसलिए खुश रहने वाले व्यक्ति दिमाग में आ रहे बुरे विचारों को अधिक देर तक पनपने नहीं देते. वो benefit of doubt देना जानते हैं, वो जानते हैं कि हो सकता है जो वो सोच रहे हैं वो गलत हो, जिसे वो बुरा समझ रहे हैं वो अच्छा हो. ऐसा कर के इंसान relax हो जाता है, दरअसल हमारी सोच के हिसाब से brain में ऐसे chemical release होते हैं जो हमारे मूड को खुश या दुखी करते हैं.
जब आप नकारात्मक विचारों को सच मान लेते हैं तो आप का blood pressure बढ़ने लगता है और आप tense हो जाते हैं, वहीँ दूसरी तरफ जब आप उस पर doubt कर देते हैं तो आप अनजाने में ही brain को relaxed रहने का signal दे देते हैं.
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