Aloe Vera

एलोवेरा के जूस के फ़ायदे एवं नुकसान 

एलोवेरा एक औषधि के रूप में जानी जाती है। इसका उपयोग हम प्रचीन काल से ही करते आ रहें हैं। क्योंकि यह एक संजीवनी बूटी की तरह कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती है। दिखने में हरा और किनारे की ओर कांटेदार आकृति लिए हुए यह एलोवेरा संजीवनी के नाम से भी जाना जाता है। इसके कई नाम है जैसे-ग्वारपाठा, धृतकुमारी। बहुत से फायदों की वजह से इसे चमत्कारी पौधा भी कहते है। एलोवेरा की २०० से अधिक प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है। एलोवेरा के पौधे में रस सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। एलोवेरा के रस में  कई रासायनिक तत्वों के गुण भी पाए जाते हैं जैसे १८ अमीनो एसिड ,१२ विटामिन और २० खनिज पाए जाते है। इसके अलावा कई अन्य यौगिक तत्व भी इसमें पाए जाते हैं।

एलोवेरा का पौधा जीनस प्रजाति के अंतर्गत आता है यह उष्णकटिबंधीय जलवायु में पाया  जाता है. इसकी औषधीय गुण की वजह से इसकी खेती भी की जाती है. लोग इसको अपने घरो में सजावट के लिए भी उपयोग करते है, यह गमलों में आसानी से सफलतापूर्वक बढ़ता है. इसके औषधि गुण की वजह से कई प्रकार के कोस्मेटिक और खाद्यान्न में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसका उपयोग प्रभावशाली है, ये वैज्ञानिकों ने भी प्रमाणित कर दिया है

एलोवेरा के पोषण का महत्व

एक औषधि के रूप में उपयोग में लाए जाने वाला यह एलोवेरा कई पोष्टिक तत्वों से भरा पड़ा है। इनमें 12 विटामिन, 18 अमीनो एसिड, 20 खनिज, 75 पोषक तत्व और 200 सक्रिय एंजाइम शामिल हैं। इसके अलावा कई रासायनिक गुण खनिज कैल्शियम, जस्ता, तांबा, पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैग्नीशियम, क्रोमियम और मैंगनीज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इसमें विटामिन के गुण भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन बी 12, बी 6, बी 2, बी 1, विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी 6, नियासिन और फॉलिक एसिड शामिल है। इसके उपचार से हमें कई साकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।

घर में क्यों लगायें एलोवेरा का पौधा

आप सबको अपने घरों में एलोवेरा को जरूर लगाना चाहिए| आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्यूटी एवं कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने वाली सभी कंपनियां एलोवेरा का इस्तेमाल करती हैं और आप इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स को बाजार से महंगे दामों में खरीदते हो, तो क्यों ना अपने घर में ही एलोवेरा लगाया जाये|
ये हमारा सौभाग्य है कि एलोवेरा भारत में ही सबसे ज्यादा पैदा होता है| अमेरिका और यूरोप के देशों में एलोवेरा की मांग बहुत अधिक है लेकिन उत्पादन कम होने की वजह से बहुत वहां बहुत महंगे दामों में एलोवेरा बिकता है|

सबसे ख़ास बात यह है कि एलोवेरा को कोई खाद, पानी देने की जरुरत नहीं होती है| यह खुद ही बढ़ता जाता है इसलिए अपने घरों में एलोवेरा जरूर लगाइये|

 

एलोवेरा की विशेषताएँ और उसके उपयोग

  • एलोवेरा एक तना रहित पोधा है, यह किसी भी तरह की मिट्टी पर उपजाया जा सकता है अगर कम उपजाऊ मिटटी भी हो, तो भी ये वहा आसानी से लगाया जा सकता है.
  • इसकी लम्बाई 60 से 100 सेंटी मीटर तक होती है. यह चारों तरफ से फैला हुआ रहता है. इसकी पत्तियां हरी और लम्बी होती है, जिसके अंदर जेल मौजूद होते है.
  • पत्तियों के किनारे छोटे छोटे दांत जैसे कांटे होते है. गर्मी के समय इनमे पत्तियों के ऊपर फूल लगते है. जिनका रंग पीला होता है
  • एलोवेरा की पत्तियों में जो जाल रहता है, वो स्वाद में बहुत कड़वा होता है, लेकिन अपनी चिकत्सीय गुण की वजह से दुनिया भर में जाना जाता है.
  • इसके जाल के अंदर 96% तक पानी होता है, जाल जो की पारदर्शी होता है उसमे कुछ कार्बनिक, और अकार्बनिक यौगिक के साथ ही प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन ए, बी, सी और इ की भी मात्रा होती है.
  • एलोवेरा जाल में पाए जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व कार्बोहाइड्रेट है, जिसे एसेमंनन कहा जाता है. यह सभी पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुचाता है, उन्हें पोषण देता है और इसके साथ ही उन्हें जहरीले पदार्थो से बचाता है.
  • आयुर्वेद, ब्रिटिश हर्बल मेडिसिन और चाइनीज हर्बल मेडिसिन ने इसके फायदे की वकालत की है, लेकिन यह सिर्फ मौखिक है.

 

एलोवेरा का इतिहास       

कार्ल लिन्नायूस ने इसको 1753 में पहली बार एलोवेरा के रूप में वर्णित किया था. उसके बाद निकोलस लौरेंस बर्मन ने 6 अप्रैल 1768 वनस्पति इंडिका में इसका वर्णन किया. फिर तकनीको का उपयोग कर एलोवेरा को यमन के स्थानिक प्रजाति एलो पेर्रयी के निकटतम पाया गया. इसकी अगर अच्छे से खेती हो, तो इससे आपको मिलियन डॉलर तक की कमाई हो सकती है. एलोवेरा जीनस एलोवेरा के 400 प्रजातियों में से एक है. इसका बोटेनिकल नाम एलो बर्बदेंसिस मिलर है. यह सालों भर उगाया जाने वाला पौधा है. एलोवेरा मूल रूप से सूडान में पाया जाता था, लेकिन अब यह भूमध्यसागरीय क्षेत्रों के साथ ही अफ्रीका, एशिया, भारत, यूरोप और अमेरिका सहित दुनिया के और भी गरम क्षेत्रों में भी पाया जाता है. इजिप्टीयों के द्वारा एलोवेरा को अमरता का पौधा नाम से संबोधित किया गया था. एलोवेरा को हिंदी में घृतकुमारी, तेलगु में कलाबंद, तमिल में कत्रलाई, मलयालम में कुमारी, कन्नड़ में लोलिसरा, मराठी में कोराफादा के साथ बंगाल में भी इसे घृतकुमारी के ही नाम से जाना जाता है.  

 

एलोवेरा के फायदे और उपयोग 

एलोवेरा सिर्फ सौन्दर्य के लाभों के लिए ही उपयोग नहीं किया जाता बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ को भी नाकारा नहीं जा सकता है. द एवरीथिंग गाइड टू एलोवेरा फॉर हेल्थ के लेखक ब्रिट ब्रैंडन के अनुसार एलोवरा के सेवन से आहार की प्रभावशीलता में सुधार होता है, जिससे आप अपने वजन को बढ़ने से रोक सकते है, क्योकि इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन और खनिज, एंजाइम और स्तेरोल्स होते है जोकि आपके वजन को घटाने में आपकी सहायता करते है. इसके साथ ही यह शरीर के अवशोषण और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है. प्रोटीन की मात्रा होने से यह मांसपेशियों के विकास में भी सहायक है.  

 

बालों को घना और काला बनाता है एलोवेरा
काफी लोगों की शिकायत होती है कि उनके बाल बहुत हल्के हो गए हैं और टूटने लगे हैं| कुछ लोगों के कम उम्र में ही बाल सफ़ेद होने लगते हैं| बालों में डेंड्रफ है या खुजली होती है तो बालों की हर समस्या के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल करें|

एलोवेरा को काटकर उसका रस निकाल लें| इस रस को बालों पर लगाएं और सूखने तक छोड़ दें| सूखने के बाद साफ़ पानी से सिर धो लें, ऐसा रोजाना करने से बालों में चमक आती है, बालों का हल्कापन दूर होता है और बाल घने तथा काले होने लगते हैं

 

शारीरिक उपचार हेतु एलोवेरा के फायदे

  • एडॉप्टोजेन एडॉप्टोजेन मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने और वातावरण में होने वाले बदलावों के प्रभाव को तेजी से शरीर में ढालता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बदलते हुए खान-पान का असर सीधे हमारी हेल्थ पर पड़ता है। एलोवेरा में पाए जाने वाले पॉलिसैचेराइड्स, वायरस से लड़कर कई प्रकार की बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखते हैं। एलोवेरा का जूस आपके शरीर को तनाव से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। इसके अलावा आपको बीमारी से बचाने में सहायक तो होता ही है। साथ ही मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
  • पाचन क्रिया में सहायक – आपने हमेशा पेट में गैस बनना और खाने के न पचने की समस्यां के बारे में तो सुना ही होगा। हमारे शरीर में पेट संबंधी कोई भी बीमारी हो तो आप 20 ग्राम एलोवेरा के रस में शहद और नींबू मिलाकर सेवन करें। यह पेट की बीमारी को दूर तो करता ही है। साथ ही साथ पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।
  • कब्ज़ की समस्यां – यह समस्यां हमें अक्सर सुनने को मिलती है। यह समस्यां किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। इस रोग को दूर करने के लिए एलोवेरा के रस का सेवन करने से बहुत ज्यादा फायदा होता है। छोटे बच्चों में कब्ज के लिए जूस व हींग मिलाकर नाभि के चारों ओर लगा दें, इससे लाभ मिलेगा। इसके अलावा यकृत मे बड़ रही सूजन में इसके गुदे का सेवन सुबह-शाम करने से यकृत की कार्यक्षमता बढती है। इससे पीलिया रोग भी दूर होता है।
  • इम्युनी सिस्टम (रोग प्रतिरोधक प्रणाली) – एलोवेरा पौधे के रस में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। क्योंकि इसमें रोग प्रतिरोधक तत्व मौजूद होतें हैं। जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है।
  • ह्रदय रोग और मोटापा – आज की सबसे जटिल समस्यां हमारे शरीर में बढ़ता मोटापा है। जो ह्रदय रोग होने का मुख्य कारण बनती है। मोटापे से शरीर में तेजी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और रक्तवाहिनियों में वसा का जमाव होता है। ऐसी स्थिति में एलोवेरा का रस बेहद फायदेमंद होता है। एलोवेरा जूस रोजाना 20मिली-30मिली की मात्रा में पीने से शरीर में अन्दर से भरपूर तन्दुरूस्ती तथा ताजगी का अहसास होता है तथा ऊर्जा का उच्च स्तर बना रहता है। इससे वजन भी शरीर के अनुकूल रहता है।
  • रियूमाटोईड अर्थरोइटिस (संधिशोथ) – यह रोग काफी दर्दनाक होता है। इसमें रोगी के हाथ, पैर जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। साथ जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया रोग भी कहते हैं। जिसका सही इलाज एलोवेरा में पाया गया है। पहले इसके दो फांक कर इसमें हल्दी भरकर हल्का गर्म कर लें और प्रभावित भाग पर लगातार पट्टी लगायें ऐसा आप लगातार 10 से 15 दिनों तक करें। गठिया, जोड़ो में दर्द, मोच या सूजन में काफी राहत मिलेगी। जोड़ो के दर्द में एलोवेरा जूस का सेवन सुबह-शाम खाली पेट करें और प्रभावित जोड़ो पर लगाने से विशेष फायदा होता है
  • वजन कम करना – अपने वजन को कम करने में भी एलोवेरा का उपयोग किया जाता है।
  • जख्म या घाव – शरीर में किसी भी प्रकार का जख्म या घाव हो जाने पर एलोवेरा के गुदे को क्रीम की तरह लगानी चाहिए। इसके पत्तों के गूदे में जरा-सी पीसी हल्दी मिलाकर इस पेस्ट को एक पट्टी पर लगा लें और गांठ, फोड़े पर रखकर पट्टी बांध दे। फोड़ा पक कर स्वतः फुट जाएगा और मवाद निकल जाएगा।
  • एंटी सेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल – इसमें कोई शक नही कि एलोवेरा दुनिया का सबसें बढि़या एंटीबाईटीक और एंटीसेप्टिक गुण वाला होता है। जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा हमारे शरीर को लगभग 21 अमीनोएसिड की जरूरत होती है। जिसमें एलोवेरा से 18 अमीनोएसिड की मात्रा को पूरा करता है। इन गुणों से भरपूर एलोवेरा में सेपोनिन नामक तत्व होता है। जो शरीर की अंदरूनी सफाई करता है तथा रोगाणु रहित रखने का गुण रखता है। इसके अलावा खतरनाक बीमारियों से निजात भी दिलाता है। यह एड्स जैसी बीमारी में भी खास साबित होता है।
  • कोलेस्ट्रॉल का स्तर बनाए रखने में सहायक – हमारे शरीर में मोटापा होने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ता है। इसी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में एलोवेरा सबसे महत्वपूर्ण रूप से काम करता है।
  • मधुमेह से लड़ने में – यदि आप डायबिटीज की समस्यां से परेशान हैं तो 10 ग्राम एलोवेरा के रस में 10 ग्राम करेले का रस मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से डायबिटीज से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही 20 ग्राम आंवले के रस में 10 ग्राम एलोवेरा के गूदे को मिलाकर प्रतिदिन सुबह सेवन करें। यह शूगर की बीमारी को दूर करेगा।
  • सर्दी खांसी में – बच्चों में हो रही सर्दी, जुकाम या खांसी पर 5 ग्राम एलोवेरा के ताजे रस में शहद मिलाकर सेवन कराएं। इससे बच्चों को फायदा होगा। एलोवेरा के गूदे का सेवन रोज करने से शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है।
  • पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है एलोवेरासुबह खाली पेट 4 चम्मच एलोवेरा का जूस पीने से हमारा पाचन तंत्र सुगम हो जाता है पाचन क्रिया से जुड़ी हर बीमारी जैसे गैस बनना, कब्ज होना, अपच होना, पेट का भारीपन सभी एलोवेरा का जूस पीने से खत्म हो जाती हैं

    एलोवेरा में पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होता है इसलिए दस्त होने पर भी आप एलोवेरा का जूस पियें इससे तुरंत लाभ प्राप्त होगा

  • खून को शुद्ध करता है एलोवेराहमारे शरीर में एनर्जी और ऑक्सीजन सभी अंगों तक पहुँचाने का कार्य हमारा रक्त करता है अगर व्यक्ति का रक्त अशुद्ध हो जाये तो एक के बाद सभी अंगों में परेशानियाँ आनी शुरू हो जाती हैं

    खून की अशुद्धि कई प्रकार की हो सकती है जैसे खून का पतला होना, खून में एसिड का बढ़ना, एनीमिया आदि| तो रक्त की इन सभी अशुद्धियों को दूर करने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन करें|

  • अंगों का सड़ना, गलना दूर करता है एलोवेरा - अगर किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग सड़ने लगे या गल जाये तो उसका इलाज फिर लगभग अंसभव हो जाता है | ऐसे में डॉक्टर भी कह देते हैं कि इस अंग को काटकर शरीर से अलग करना होगा|

    ऐसे व्यक्तियों को एलोवेरा के रस का इस्तेमाल करना चाहिए| एलोवेरा को काटकर उसका रस निकाल लें और गले सड़े हिस्से पर एलोवेरा के रस से मालिश करें| दो हफ्तों तक ऐसा करने पर ही आपको बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा|
    एलोवेरा के सिवा कोई भी ऐसी घरेलू दवा नहीं है जो अंगो को सड़ने से रोक सके|

  • वजन कम करने में मददगार है एलोवेरा - जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि एलोवेरा हमारे शरीर के पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है| जब पाचन क्रिया सुगम हो जाती है तो शरीर में एनर्जी का लेवल भी बढ़ जाता है और साथ ही शरीर की फालतू चर्बी कम होने लगती है|
    जो लोग बढ़ते वजन की वजह से परेशान हैं तो एलोवेरा का जूस सुबह खाली पेट जरूर पियें|

  • नपुंसकता और यौन रोगों की दवा है एलोवेरा - जिन लोगों को नपुंसकता या कोई अन्य यौन रोग की समस्या है| उन लोगों को एलोवेरा का सेवन जरूर करना चाहिए| यौन रोगों से पीड़ित व्यक्ति झोलाछाप डॉक्टरों का शिकार बहुत आसानी से बन जाते हैं|
    रोजाना सुबह खाली पेट 4 चम्मच एलोवेरा का जूस पीने से यौन रोगों में आराम मिलता है|

  • फुंसी और फोड़ों को ठीक करता है एलोवेरा - कुछ लोगों को फुंसियों की समस्या बहुत परेशान करती है| एक ठीक होती है तो दूसरी निकल आती है, खासकर बच्चों में यह समस्या आम होती है| कभी हाथ पर तो कभी पैर, कभी चेहरे पर फुंसी फोड़े निकलते रहते हैं|
    ऐसे लोगों को भी सुबह खाली पेट एलोवेरा का रस पीना चाहिए| फुंसी फोड़ों का निकलना बंद कर देगा|

  • चर्म रोगों की सबसे उत्तम दवा है एलोवेरा - जब खून में अम्लता बढ़ जाती है तो कई प्रकार के चर्म होने लगते हैं जैसे खुजली, एग्जिमा, आदि| जैसा कि हमने पहले भी बताया कि एलोवेरा का जूस खून की अशुद्धि को दूर करता है और यह चर्म रोगों से लड़ने में भी मदद करता है|
    एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसका रस निकाल लें और जहाँ भी चर्म रोग है वहां एलोवेरा के रस से मालिश करें और 4 चम्मच रस पियें| एक हफ्ते ऐसा करने से ही काफी सुधार देखने को मिलेगा|

  • कान का दर्द दूर करता है एलोवेरा - कई बार बच्चों को या बड़ो को कान में दर्द की समस्या हो जाती है| इसकी वजह से ठीक से काम में मन भी नहीं लगता और कई बार तो कान बहना भी शुरू हो जाता है|
    एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसके रस की चार बूंद कान में डाल दें| कुछ मिनटों में ही कान का दर्द या कान बहना बंद हो जायेगा|

  • मुंह की बदबू को दूर करता है एलोवेरा - कुछ लोगों के मुंह से हमेशा बदबू आती रहती है| जब सुबह सोकर उठते हैं तो यह बदबू और अधिक बढ़ जाती है तो एलोवेरा के रस का इस्तेमाल करें एलोवेरा का रस निकालकर उसे दांतों पर अच्छे से मलें और थोड़ी देर में कुल्ला कर दें
    हफ्ते में एक दिन भी ऐसा कर लिया तो मुंह से बदबू आना बंद हो जाएगी

  • पायरिया को दूर करता है एलोवेरा - जिन लोगों को मसूड़ों में दर्द और दातों में पायरिया की शिकायत हो उनके लिए एलोवेरा रामबाण दवा का कार्य करता है
    एलोवेरा के रस को हल्के हाथ से मसूड़ों और दांतों पर मलें और कुल्ला कर दें रोजाना इस प्रक्रिया को करने से मात्र 3 से 4 दिन में पायरिया खत्म हो जाता है दांतों से जुड़ा कोई दूसरा रोग भी है तो भी एलोवेरा का इस्तेमाल करने से फायदा होगा

  • पेट का अल्सर ठीक करता है एलोवेरा - कई लोगों को पेट में घाव या अल्सर हो जाता है इस परेशानी से पीड़ित लोगों को एलोवेरा के इस्तेमाल से बहुत फायदा होता है सुबह खाली पेट एलोवेरा का जूस पीना आरम्भ कर दें पेट का अल्सर ठीक हो जायेगा

 

एलोवेरा का त्वचा के लिए लाभ

संयुक्त राष्ट्र की सरकार ने अनुसंधान के लिए एलोवेरा के ऊपर बड़े तौर पर आयोजन किया. इसके बाद यह सिद्ध होने पर कि यह विकिरण की क्षति से त्वचा की रक्षा करने में सहायक है उसके बाद 1958 में अमेरिकी खाद्य एवं औषधी मंत्रालय ने इसके दवा के रूप में उपयोग की मंजूरी दे दी. जब भी एलोवेरा के जेल का प्रयोग त्वचा पर किया जाता है, यह अल्ट्रा वायलेट के ख़तरनाक किरणों से हमारी रक्षा करता है. दिल्ली की डॉ. दीपाली भारद्वाज का कहना है कि एलोवेरा में विटामिन सी, ई और बिटा कैरोटिन जैसी पौष्टिक और एंटी एजिंग गुण होते है जो की त्वचा को मोशराईज करता है. उनके अनुसार अगर इसके रस को खाली पेट पिया जाये तो यह पाचन में सुधार लाता है और पेट की सारी परेशानियों से निजात दिलाता है, जिससे अगर पेट साफ़ हो तो उसका असर हमारे त्वचा पर चमक के रूप में दिखता है. एलोवेरा में सोडियम और ग्लायेस्रिन आदि तत्व पाए जाते है. एलोवेरा का उपयोग सभी प्रकार के त्वचा पर होता है. त्वचा विशेषज्ञ का मानना है कि यह त्वचा पर पड़ने वाली रेखाओं, धूप से जली हुई त्वचा के निशान को हटाने में यह सहायक होता है. एलोवेरा को आप सीधे तौर पर या घरेलु रूप से कुछ मिलाकर पैक के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते है

इसके पैक को बनाने की विधि निम्नलिखित है-

  1. शुष्क त्वचा के लिए – जिनकी त्वचा शुष्क है उनके लिए एलोवेरा का जेल, एक चुटकी हल्दी, एक चम्मच शहद, एक चम्मच दूध और गुलाब जल को अच्छे से मिला कर इसका पेस्ट तैयार करके चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगा कर रखे, फिर सूखने के बाद अच्छे से सादे पानी से धो ले. आपकी त्वचा नरम और मुलायम, कांतिमय दिखने लगेगी.
  2. मृत त्वचा के लिए – त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए स्क्रब की आवश्यकता होती है. इसके लिए आधा कप एलोवेरा का जेल, एक कप शक्कर और नींबू के रस दो बड़े चम्मच इन सभी को मिलाकर इन्हें आप चेहरे के साथ ही पुरे शरीर पर भी कर सकते है.
  3. मृत कोशिकाओं के लिए पैक : मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए एलोवेरा जेल, गुलाब जल और बादाम के तेल तथा ककड़ी के पेस्ट को मिलाकर इसे अपने चेहरे पर लगा ले. इस पैक को लगाने से त्वचा हाइड्रेट होती है और चेहरा चिकना होता है.
  4. हरी चाय से एलोवेरा पैक बनाने की विधि : हरे चाय की मास्क बना कर अगर त्वचा पर लगाया जाए तो यह बुढ़ापे के असर को दिखने नहीं देता है. इसका पैक तैयार करने के लिए अवोकेडो और खीरा के साथ ही एक चम्मच एलोवेरा जेल, ग्रीन टी पानी इन सभी को मिलाकर पेस्ट बना ले, फिर इसे चेहरे पर 20 मिनट तक लगा कर सुखा ले और हल्के गुनगुने पानी से धो ले. चाय में एंटी ओक्सिडेंट भरपूर मात्रा में मिलते है जो बुढ़ापे के असर को दिखने से रोकते है.
  5. त्वचा को मोइशराईज करने के लिए एलोवेरा पैक : त्वचा को मोइशराईज करने के लिए एलोवेरा से बनने वाले पैक को इस प्रकार बनाया जा सकता है- इसके लिए जैतून का तेल, शेया बटर, एलोवेरा का जेल मिलाकर इसको 20 मिनट तक चेहरे पर रखे और फिर ठंडे पानी से धो ले. इसका इस्तेमाल आप होठों को भी मुलायम बनाने के लिए कर सकते है.  

 

बालों के लिए एलोवेरा

आजकल बालों की समस्यां को लेकर सभी लोग परेशान रहते हैं। बालों का झड़ना, बालों का सफेद होना बालों का रूखापन इस तरह की ना जाने कितनी और समस्याएं हैं पर ये सभी समस्याएं एलोवेरा के प्रभाव से दूर हो जाती हैं। आपको इसके लिए एलोवेरा जेल को सिर्फ आधे घंटा लगाना है। इसके बाद आप उसको धो सकते हैं। ऐसा आप महीने में सिर्फ दो बार करें। आपको इसके परिणाम कुछ ही महीनों में दिखाई देने लगेंगे। यह रूखे बालं को ऑयली करता है.

  • बालों का विकास- अगर आपके बाल जड़ से खत्म हो रहे हैं, तो इसका रस नियमित सिर पर लगाते रहने से नए बाल आने लगते है।
  • रूसी से छुटकारा दिलाता है – इसका गूदा या जैल को निकालकर मेंहदी के साथ मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। इससे रूसी खत्म होने के साथ बाल काले, घने-लंबे एवं मजबूत होंगे।
  • प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में – एलोवेरा का जैल बनाकर बालों की जड़ों पर लगाए जाने से बालों में चमक आती है और यह एक प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में काम करता है।
  • बैलेंस पीएच स्तर – यह सिर के पीएच स्तर को संतुलित कर बालों मोस्चराइजड रहता है और बालों के विकास को बढ़ावा देता है।

 

एलोवेरा जैल के बालों के लिए पैक

  1. बालों की सफाई के लिए : बालों को साफ़ करने के लिए एलोवरा के जेल में दो चम्मच बेसन और दही को मिलाकर इस पेस्ट को बालों पर 30 मिनट तक लगा कर सुखा ले, फिर इसे किसी माइल्ड शैम्पू से धो ले. इससे आपके बाल अच्छी तरह से साफ़ हो जायेंगे.
  2. बालों को नर्म बनाये रखने के लिए : एलोवरा का जेल तीन चम्मच, नींबू का रस और नारियल का तेल सभी को मिलाकर सिर पर अच्छे से मालिश करे, फिर 20 मिनट बाद धो दे. इस पैक को लगाने से बाल नरम होते है.
  3. बालों की मजबूती के लिए : बालों के स्वास्थ्य के लिए एलोवेरा और हिबिस्कुस अर्थात गुडहल फुल के 5 से 6 पत्तों को धो कर उन्हें जेल के साथ पीस ले, फिर इसे बालों पर 30 मिनट तक लगा कर छोड़ दे फिर इसे शैम्पू से धो ले. यह पैक आपके बालों को जड़ों से मजबूत करती है.

एलोवेरा जैल और लेटेक्स एलोवेरा के ये दो हिस्से सबसे अधिक लाभकारी होते हैं। ये जैल खोखली पत्तियों में पाया जाता है और लेटेक्स पत्ती के सबसे नीचे हिस्सा होता है।

घायल अवस्था में शरीर के अंग में रक्त का प्रवाह जब तीव्र गति से बढ़ता है इस रक्तप्रभाव को रोकने के लिए घाव भरने के लिए एवं कई त्वचा रोगों में मदद करता है।

 

एलोवेरा का दांतों के लिए लाभ 

एलोवेरा दांतों के लिए भी बहुत लाभकारी है यह दांतों में होने वाले बैक्टीरियल समस्याओं को रोकता है. इसका अध्ययन 300 लोगों के ऊपर किया गया जिसमे 100% तक शुद्ध एलोवेरा के रस को माउथवाश के रूप में 4 दिनों तक उपयोग करने को कहा गया. अधययन में पाया गया कि यह बहुत ही प्रभावी तरीके से मुहँ में मौजूद सारे वैक्टीरिया को खत्म कर मुंह से आने वाली बदबू ने निजात दिलाकर दांतों को साफ़ रखने में उपयोगी है.  

 

एलोवेरा में पाए जाने वाले तत्व

एलोवेरा में मौजूद कई विटामिन और खनिज शरीर के विकास में महत्वपूर्ण कार्य करते है. विटामिन बी 12, फोलिक एसिड, कोलिन, विटामिन ए, सी, इ ये सभी एंटी ओक्सिडेंट मिलते है. इसके अलावा इनमे आठ एंजाइम प्राप्त होते है जिनके नाम है अलीअसे, एल्कलाइन, फोस्फेत, एमिलेज, ब्रैडीकिनसे, कार्बोक्स्यपेप्तिदासे, कैटालासे, सेल्युल्स, लाईपेस और पेरोक्सीदसे ये सभी शामिल है. एलोवेरा में मिलने वाले मिनरल्स के नाम है- कैल्सियम, कॉपर, सेलेनियम, क्रोमियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम और जिंक आदि है. इसके अलावा इसमें 12 एन्थराकुइनोंएस पाए जाते है जो की एंटीवायरल और एंटीबक्टेरीयल के रूप में काम करते है. एलोवरा में फैटी एसिड भी पाए जाते है जिनमे शामिल है कोलेस्ट्रोल, काम्पेस्तेरोल, बेटासीसओस्तेरोल, लुपोल ये सभी एसिड मौजूद रहते है. इसके अलावा इसमें औक्सिंस और गिब्बेरेल्लिंस नामक दो हार्मोन भी मौजूद रहते है जो घाव को भरने में मददगार होते है. एलोवेरा में शर्करा की मात्रा भी मौजूद होती है जो कि है ग्लूकोज और फ्रुक्टोस.

एक कप एलोवेरा के जूस में मिलने वाले पोषक तत्व का विवरण नीचे टेबल में दर्शित किया गया है :

पोषक तत्व मात्रा  प्रतिशत
कैलोरी 131 कार्ब्स 95%, फैट 2%
कार्बोहाइड्रेट 31.92 ग्राम 11%
प्रोटीन 0.89 ग्राम 3%
कैल्सियम 40 मिली ग्राम 3%
विटामिन सी 18 मिली ग्राम 31%
पोटैशियम 724.2 मिली ग्राम 21%
सोडियम 10 ग्राम 1%

 

एलोवेरा जूस बनाने की विधि

बाजार में बिकने वाले एलोवेरा जूस को लम्बे समय तक खराब होने से बचाने के लिए उसमें कई प्रकार के केमिकल मिलाये जाते हैं इसलिए बाजार से खरीदे हुए एलोवेरा जूस का ज्यादा सेवन अच्छा नहीं है

एलोवेरा का शुद्द जूस बनाने के लिए अपने घर पर किसी गमले या क्यारी में एलोवेरा लगा लें एलोवेरा का जूस बनाने के लिए, एलोवेरा के ताजा गूदेदार पत्ते को काट लें अब इस पत्ते की परत को चाकू से छिल लें क्यूंकि इस इसे छिलने पर ही अंदर से गूदा निकलेगा
अब आपको पारदर्शी जैल मिलेगा इस जैल को चाकू से छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर मिक्सी में पीस लें और इस प्रकार आपका जूस बनकर तैयार हो जाता है

एलोवेरा के जूस को बनाने के लिए हम कई तरह की विधि का उपयोग कर सकते है.

  • एलोवेरा का पल्प थोड़ी मात्रा में फिर उसमे फल जैसे कि खीरा, सेव, नारंगी और नींबू के थोड़े से जूस के साथ इसको अच्छे से ब्लेंड कर ले, फिर इसे छान कर आप इसका सेवन कर सकते है. यह जूस स्वाद में भी बहुत अच्छा होता है, और फलों के मिल जाने से इसमें भरपूर न्यूट्रीशन सम्माहित हो जाता है जो की विटामिन सी और एंटी ओक्सिडेंट से भरपूर रहता है.
  • एलोवेरा के पोषण के लाभ का आनंद लेने के लिए और इसका जूस बनाने के लिए कुछ सेंटीमीटर तक एलोवेरा के पतों को कट कर उनमे थोडा सा नमक मिला कर उबाल ले. उबलने के बाद उन्हें 1 घंटे तक के लिए ठंडा कर ले. फिर पत्तियों से गुदे को निकाल कर उसमे कुछ बुँदे नींबू का रस मिलाकर और इसको पतला करने के लिए थोडा सा पानी मिलाकर इसका नियमित रूप से सेवन कर सकते है. इस जूस को पीने से कोलेस्ट्रोल नियंत्रित रहता है और आपका वजन भी नियंत्रित रखने में मदद करता है.
  • इसके जूस को एक और भी तरह से स्वादिष्ट बनाया जा सकता है, इसके लिए ताजा पीस में कटे हुए अन्नानस के टुकड़े, आधा कप गाजर, एक हरे सेव, नारियल का दूध एक चम्मच और एलोवरा के पल्प को मिला कर सभी सामग्रियों को एक साथ पीस ले और इनको छान कर इसका सेवन करे. इसके सेवन से बालों और त्वचा में चमक आ जाती है यह जूस एक जीवाणुरोधी और एंटीवायरल पेय पदार्थ है.
  • एलोवेरा का जूस बनाने के लिए उसके पत्तों को अच्छी तरह से धो ले फिर चाकू से उसमे के पल्प को निकाल कर नारियल पानी, अपने मन के अनुसार फल, थोडा सा पानी और कुछ बुँदे नींबू का रस सबको मिलाकर अच्छे से ब्लेंड करके इसका सेवन करे. यह जूस आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होगी.   

 

खुराक और साइड इफेक्ट्स

यह तो हम जानते है कि गुणों की खदान है एलोवेरा, लेकिन जहां फायदे है वहां नुकसान भी देखने को मिलता है। एलोवेरा पौधे से बनी दवाईयों में औषधीय गुण होते हैं। यह हम अच्छी तरह से जानते है, इसमें कोई शक की बात ही नही है। यह कई रोगों में बहुत असरदार भी साबित होती है, पर साथ ही इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए और आंख मूंद कर एलोवेरा से दवा बनाने वालों के दावों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। लेटेक्स एलोवेरा… ये ऐलोवेरा की साबूत पत्तियों से बने जूस में पाया जाता है, जिसे ”एलॉय लेटेक्स” भी कहते हैं। अपने पाचन की क्रिया को सदृढ़ बनाने के लिए लोग इसे भोजन से पहले पीते हैं, ताकि उनका पाचन मजबूत हो, और कब्ज से दूर रहें। पर आप नही जानते ये उतना ही नुकसानदायक होता है। कहीं आप उल्टे ही डायरिया और पेट में मरोड़ जैसे रोग के शिकार न हो जाएं।

एलोवेरा के कुछ नुकसान और भी है जो की निम्नलिखित  है 

  • अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे है तो एलोवेरा का जूस लेने से पहले आप डॉ. से सम्पर्क कर उन्हें इसके सेवन की जानकारी दें. डॉ. के परामर्श से ही आप इसका सेवन करे. क्योंकि अगर आप दवा खा रहे है तो यह दवा के असर को प्रभावित कर सकता है. यह शरीर में रक्त के स्तर और पोटेशियम के स्तर को कम कर सकता है.
  • एलोवेरा से किसी किसी को एलर्जी भी हो सकती है जिसमें त्वचा पर लाल चकते निकाल सकते है, उनमे खुजली हो सकती है, साँस लेने में कठिनाई के साथ ही सीने में दर्द और गले में एलर्जी जैसी प्रतिक्रिया हो सकती है.
  • एलोवेरा के जूस में लेटेक्स होता है जिससे कई तरह की स्वास्थ्य परेशानी सम्बन्धी बढ़ सकती है जैसे कि कोलाइटिस, एपेंडीसाईटिस, डाइवरटीकलोसिस, आंतो में रूकावट, पेट के दर्द और अल्सर की समस्या हो सकती है. जिन्हें पीलिया की बीमारी है उनको इसके जूस का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • जो भी स्त्री गर्भवती है या जो बच्चे को दूध का सेवन कराती है उन स्त्रियों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए. यह गर्भवती महिलायों के गर्भ को संकुचित कर सकता है जिस वजह से उनके गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही इसमें अन्थ्राकुइनोने होते है, इससे बच्चे को सेवन इसका कराने से बचना चाहिए क्योंकि अगर वो इसका सेवन करेंगे तो उनको दस्त की समस्या हो सकती है.
  • जिन लोगों को गैस और आंत सिंड्रोम की समस्या है उन लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि एलोवेरा में जुलाब होता है जो समस्या को बढ़ा सकता है.
  • एलोवेरा के जूस के साथ शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. एलोवेरा शरीर में निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाईट असंतुलन पैदा कर सकता है. यह पेशाब के रंग को लाल और गुलाबी रंगों में बदल देता है.
  • एलोवेरा का रस शरीर में इन्सुलिन प्रतिरोधी क्षमता को कम कर देता है, जिस वजह से रक्त में शुगर की मात्रा कम हो जाती है. इस प्रकार जो भी व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित है उनको अपने डॉ. से परामर्श ले कर ही इसके जूस का सेवन करना चाहिए.
  • बहुत लम्बे समय तक एलोवेरा के जूस के सेवन से स्यूडोम्मेलानोसिस कोली का कारण बनता है, जिस वजह से अगर इसका सेवन ज्यादा किया जाए तो यह कैंसर जैसी बीमारी के होने की सम्भावना को बढ़ा सकता है.
  • एलोवेरा जूस की ज्यादा मात्रा शरीर में एड्रेनालाइन पैदा करती है जो भी व्यक्ति दिल की बीमारी से जूझ रहे है, इसका उपयोग उनके लिए हानिकारक हो सकता है. यह शरीर में पोटैशियम की मात्रा को कम कर देता है जिससे व्यक्ति में दिल की धड़कन बढ़ने और मांसपेशियों के नरम होने का खतरा बढ़ जाता है. बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी इसकी सीमित मात्रा में सेवन की सलाह दी जाती है.   

एलोवेरा को सीधे तौर पर खाने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है क्योकि इसका स्वाद प्राकृतिक रूप से थोडा सा कडवा होता है, जिससे आप इसको सही मात्रा में नहीं खा पाएंगे. इसके लिए आप इसके जेल का कुछ सब्जियों या फलों के साथ मिश्रण तैयार करके इसेग्रहण कर सकते है. अगर आप चाहे तो इसमें शहद और नींबू की भी कुछ बूंदे मिला कर सेवन कर सकते है.

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