बंता का उधार!
संता और बंता एक बैंक में नौकरी करते थे एक दिन उस बैंक में बैंक लूटने वाले घुस गए, उन्होंने पूरा बैंक लुट लिया और फिर सभी कर्मचारियों को दीवार के साथ खड़े होने को कहा, फिर उनसे उनके पर्स घड़ियाँ और कीमती चीजें छिनने लगे।
संता बंता भी उसी लाइन में खड़े थे तभी संता ने बंता के हाथों में कुछ पकड़ाया, बंता ने फुसफुसाते पूछ लिया कि,"ये क्या है?"
तो संता ने जवाब दिया कि,"वो 1000 रूपए है जो मैंने तुमसे उधार लिए थे।"
जाकर खा लो!
मुर्गियों के फार्म में एक बार निरीक्षण के लिए इंस्पेक्टर आया।
इंस्पेक्टर: तुम मुर्गियों को क्या खिलाते हो?
पहला मालिक: बाजरा।
इंस्पेक्टर: खराब खाना, इसे गिरफ्तार कर लो।
दूसरा: चावल।
इंस्पेक्टर: गलत खाना, इसे भी गिरफ्तार कर लो।
अब संता की बारी आई।
संता डरते-डरते बोला, "हम तो जी मुर्गियों को 5-5 रुपए दे देते हैं कि जो तुम्हारी मर्जी है जाकर खा लो।"
शोर मत करो!
एक मोहल्ले में सुबह सुबह एक शराबियों की टोली निकली जिसने की बहुत ज्यादा शोर मचा रखा था।
मोहल्ले के चौराहे पर वे सब बैठ गए और जोर जोर से चिल्लाते हुए बाते करने लगे।
पास वाले घर से एक महिला ने शराबियों को आवाज दी कि शोर मचाना बंद करो और यहाँ से चले जाओ।
तभी उन में से एक शराबी बोला, "अरे क्या आप बता सकती हैं कि इधर बंता कहाँ पर रहता है?"
महिला ने जवाब दिया,"जी हाँ वो मेरे पति हैं।"
शराबी ने कहा, " तो क्या आप आकर उसे यहाँ से ले जा सकती हैं ताकि हम भी अपने अपने घर चले जाएँ।"
चिट्ठी आयी है!
एक बार एक प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों के साथ बैठकर जनता द्वारा भेजे गए पत्र पढ़ रहा था।
तभी वह एक पत्र देख कर चिल्लाया," इस पत्र को देखो! ये पत्र देश के सबसे बेवकूफ आदमी के नाम लिखा गया है।"
उसके मंत्री उसे ये कहकर चुप करवा रहे थे कि,"किसकी इतनी हिम्मत हुई जो इस तरह पत्र लिखे हम पता लगाते हैं आप शांत हो जाइये।"
प्रधानमंत्री थोड़ा उदास होते हुए धीरे से बोले," मुझे इसका दुःख नहीं कि मुझे किसी ने ऐसा पत्र लिखा मुझे इस बात का आश्चर्य है कि पोस्टमैन इसे सही पते पर कैसे ले आया?"
नेकी कर दरिया में डाल!
एक बार संता एक तालाब के किनारे सैर कर रहा था तो उसने देखा कि बंता ने एक डूबते आदमी को तालाब में से निकाला और फिर धक्का मार कर तालाब में फेंक दिया।
संता: क्यों यार, पहले तो तुमने तालाब में डूबते हुए आदमी को बचाया, फिर तुमने ही उसे तालाब में फेंक क्यों दिया?
बंता: अरे यार, क्या तुम भी, तुमने क्या वह कहावत नहीं सुनी कि नेकी कर और दरिया में डाल।