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हरियाणा पुलिस को नए रंगरूटों की जरूरत थी अपणा रलदू भी चला गया Interview देण
चयनकर्ता ने एक आसन सा सवाल पूछा - पर रलदू ने सवाल का बना दिया बवाल
सवाल था आप बाजार सेब लें जाओगे तो 50 रुपए किलो के हिसाब से 100 ग्राम सेब के कितने रूपये दे कर आओगे
रलदू बोल्या जै मन्नै 100 ग्राम के भी रूपये दिए तो पुलिस में के इसी तीसी कराण खातर भर्ती हो रहा सु
चयनकर्ता को जवाब में मजा आया उसने जवाल को आगे बढाया अगर मैं
जाऊ तो
कितने देने पड़गे
रलदू बोल्या- जनाब आप हुकम करो सेब की पूरी पेटी घर पहुचा देंगे

-अच्छा तुम्हारी पत्नी तो पुलिस में नही है ना अगर वो जाये तो

-जनाब मैं अपनी लुगाई ने घनी अच्छी तरह जानू सुं उसने खरीदारी का घना है शोक पर उसे 100 ग्राम खरीदने होंगे तो 100 ग्राम का ही पूछे की भाव

-अच्छा अगर तुम्हारा भाई जाये तो

-जनाब मन्नै वो बाजार जाते तो भोत बार देख्या सै पर वो तो हर बार तम्बाकू ले कै आ ज्यावै सै

-अच्छा अगर आपके पिता जी जाये तो कितने रुपये दे कर आएंगे

-जनाब उनके दाँत ना है वो बस केले खाते हैं

-अच्छा अगर तुम्हारी बहन जाये तो

-जनाब मेरी तो एक बहन थी उसका ब्याह हो ग्या इब वा जाने या फेर मेरा जीजा

-अच्छा तुम्हारा कोई दोस्त है

-हाँ है जनाब रामफल

-अच्छा वो सेब खाता है?

-कोए खुवा दे तो खा ले सै
नु बताओ जनाब तनखा दो गे एक आदमी की अर सेब खरीदने पे ला दिया पूरा खानदान

श्रीमान जी अपने भी सवाल को खूब खीचा है लगता है आपका सेब का बगीचा है अब कुछ भी हो जनाब आप अपने सवाल का उत्तर ले मैं उसको 5 रपये दूंगा और कहूँगा इतने के सेब दे दो पर इतने के कितने

-जी वो सेब आले की मर्जी कितने भी दे दे

अच्छा छोड़ो अगर आम आदमी जाये सेब खरीदने तो

- आम आदमी की बात सुनते ही रलदू serious हो गया थोडा सा अर बोला जनाब आम आदमी को आप लोगो ने सेब खरीदने लायक ही कड़े छोड़ा से आम आदमी तो सेब का ठेला लगाता है खरीदने तो खास ही जाता है

रलदू तुमने तो जरा सी बात का बना दिया बवाल

- रलदू बोल्या मुझे तो शुरु से ही पसंद नही है सवाल मेरी विचार में संसार में जितने भी गड़बड़ है सेब ही उसकी जड़ है अगर उस दिन आदम और हुवा ना खाते सेब ना मै आता ना आप आते ना 100 ग्राम होता ना 500 ग्राम

interview का ये हुआ परिणाम रलदू आजकल सब्जीमंडी में डंडा घुमाते है खुद तो भर पेट खाते हैं साहब के लिए 100 ग्राम पहुचाते हैं

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