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एक गाम मैं एक पटवारी चला गया , आर पहले पटवारी घणा खुला पजामा पहरया करदे ! आर पटवारी के पजामे ने देख के ने अक यो के भुत सा आ गया एक कुतिया उसके पाछे लाग ली आर पटवारी आगे आगे कुतिया पाछे पाछे !
इब इसा सूत बैठ गया के पटवारी ने रोज गाम मैं जाणा पड़ गया आर व कुतिया उसके पाछे लाग लेंदी !
एक दिन व कुतिया ट्राली के निचे सोण लागरी थे , पटवारी ने सोच्या एक मौका पड्या से लिकड़ ले ने भाज के , वो जीसा ए उस कुतिया के धोरे के भाज्या उस कुतिया ने जाग आगी
फेर वो भाज के ने एक पेड़ पे चढ़ गया आर उस कुतिया के कानी लखा क ने नु बोल्या -" अक तेरे धोरे 2 कनाल ज़मीन होंदी न तो तन्ने बताऊ अर अक पटवारी के चीज़ होया करे से"

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