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Category: गुण और फायदे
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Aloe Vera

एलोवेरा के जूस के फ़ायदे एवं नुकसान 

एलोवेरा एक औषधि के रूप में जानी जाती है। इसका उपयोग हम प्रचीन काल से ही करते आ रहें हैं। क्योंकि यह एक संजीवनी बूटी की तरह कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती है। दिखने में हरा और किनारे की ओर कांटेदार आकृति लिए हुए यह एलोवेरा संजीवनी के नाम से भी जाना जाता है। इसके कई नाम है जैसे-ग्वारपाठा, धृतकुमारी। बहुत से फायदों की वजह से इसे चमत्कारी पौधा भी कहते है। एलोवेरा की २०० से अधिक प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है। एलोवेरा के पौधे में रस सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। एलोवेरा के रस में  कई रासायनिक तत्वों के गुण भी पाए जाते हैं जैसे १८ अमीनो एसिड ,१२ विटामिन और २० खनिज पाए जाते है। इसके अलावा कई अन्य यौगिक तत्व भी इसमें पाए जाते हैं।

एलोवेरा का पौधा जीनस प्रजाति के अंतर्गत आता है यह उष्णकटिबंधीय जलवायु में पाया  जाता है. इसकी औषधीय गुण की वजह से इसकी खेती भी की जाती है. लोग इसको अपने घरो में सजावट के लिए भी उपयोग करते है, यह गमलों में आसानी से सफलतापूर्वक बढ़ता है. इसके औषधि गुण की वजह से कई प्रकार के कोस्मेटिक और खाद्यान्न में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसका उपयोग प्रभावशाली है, ये वैज्ञानिकों ने भी प्रमाणित कर दिया है

एलोवेरा के पोषण का महत्व

एक औषधि के रूप में उपयोग में लाए जाने वाला यह एलोवेरा कई पोष्टिक तत्वों से भरा पड़ा है। इनमें 12 विटामिन, 18 अमीनो एसिड, 20 खनिज, 75 पोषक तत्व और 200 सक्रिय एंजाइम शामिल हैं। इसके अलावा कई रासायनिक गुण खनिज कैल्शियम, जस्ता, तांबा, पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैग्नीशियम, क्रोमियम और मैंगनीज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इसमें विटामिन के गुण भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन बी 12, बी 6, बी 2, बी 1, विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी 6, नियासिन और फॉलिक एसिड शामिल है। इसके उपचार से हमें कई साकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।

घर में क्यों लगायें एलोवेरा का पौधा

आप सबको अपने घरों में एलोवेरा को जरूर लगाना चाहिए| आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्यूटी एवं कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने वाली सभी कंपनियां एलोवेरा का इस्तेमाल करती हैं और आप इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स को बाजार से महंगे दामों में खरीदते हो, तो क्यों ना अपने घर में ही एलोवेरा लगाया जाये|
ये हमारा सौभाग्य है कि एलोवेरा भारत में ही सबसे ज्यादा पैदा होता है| अमेरिका और यूरोप के देशों में एलोवेरा की मांग बहुत अधिक है लेकिन उत्पादन कम होने की वजह से बहुत वहां बहुत महंगे दामों में एलोवेरा बिकता है|

सबसे ख़ास बात यह है कि एलोवेरा को कोई खाद, पानी देने की जरुरत नहीं होती है| यह खुद ही बढ़ता जाता है इसलिए अपने घरों में एलोवेरा जरूर लगाइये|

 

एलोवेरा की विशेषताएँ और उसके उपयोग

 

एलोवेरा का इतिहास       

कार्ल लिन्नायूस ने इसको 1753 में पहली बार एलोवेरा के रूप में वर्णित किया था. उसके बाद निकोलस लौरेंस बर्मन ने 6 अप्रैल 1768 वनस्पति इंडिका में इसका वर्णन किया. फिर तकनीको का उपयोग कर एलोवेरा को यमन के स्थानिक प्रजाति एलो पेर्रयी के निकटतम पाया गया. इसकी अगर अच्छे से खेती हो, तो इससे आपको मिलियन डॉलर तक की कमाई हो सकती है. एलोवेरा जीनस एलोवेरा के 400 प्रजातियों में से एक है. इसका बोटेनिकल नाम एलो बर्बदेंसिस मिलर है. यह सालों भर उगाया जाने वाला पौधा है. एलोवेरा मूल रूप से सूडान में पाया जाता था, लेकिन अब यह भूमध्यसागरीय क्षेत्रों के साथ ही अफ्रीका, एशिया, भारत, यूरोप और अमेरिका सहित दुनिया के और भी गरम क्षेत्रों में भी पाया जाता है. इजिप्टीयों के द्वारा एलोवेरा को अमरता का पौधा नाम से संबोधित किया गया था. एलोवेरा को हिंदी में घृतकुमारी, तेलगु में कलाबंद, तमिल में कत्रलाई, मलयालम में कुमारी, कन्नड़ में लोलिसरा, मराठी में कोराफादा के साथ बंगाल में भी इसे घृतकुमारी के ही नाम से जाना जाता है.  

 

एलोवेरा के फायदे और उपयोग 

एलोवेरा सिर्फ सौन्दर्य के लाभों के लिए ही उपयोग नहीं किया जाता बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ को भी नाकारा नहीं जा सकता है. द एवरीथिंग गाइड टू एलोवेरा फॉर हेल्थ के लेखक ब्रिट ब्रैंडन के अनुसार एलोवरा के सेवन से आहार की प्रभावशीलता में सुधार होता है, जिससे आप अपने वजन को बढ़ने से रोक सकते है, क्योकि इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन और खनिज, एंजाइम और स्तेरोल्स होते है जोकि आपके वजन को घटाने में आपकी सहायता करते है. इसके साथ ही यह शरीर के अवशोषण और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है. प्रोटीन की मात्रा होने से यह मांसपेशियों के विकास में भी सहायक है.  

 

बालों को घना और काला बनाता है एलोवेरा
काफी लोगों की शिकायत होती है कि उनके बाल बहुत हल्के हो गए हैं और टूटने लगे हैं| कुछ लोगों के कम उम्र में ही बाल सफ़ेद होने लगते हैं| बालों में डेंड्रफ है या खुजली होती है तो बालों की हर समस्या के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल करें|

एलोवेरा को काटकर उसका रस निकाल लें| इस रस को बालों पर लगाएं और सूखने तक छोड़ दें| सूखने के बाद साफ़ पानी से सिर धो लें, ऐसा रोजाना करने से बालों में चमक आती है, बालों का हल्कापन दूर होता है और बाल घने तथा काले होने लगते हैं

 

शारीरिक उपचार हेतु एलोवेरा के फायदे

 

एलोवेरा का त्वचा के लिए लाभ

संयुक्त राष्ट्र की सरकार ने अनुसंधान के लिए एलोवेरा के ऊपर बड़े तौर पर आयोजन किया. इसके बाद यह सिद्ध होने पर कि यह विकिरण की क्षति से त्वचा की रक्षा करने में सहायक है उसके बाद 1958 में अमेरिकी खाद्य एवं औषधी मंत्रालय ने इसके दवा के रूप में उपयोग की मंजूरी दे दी. जब भी एलोवेरा के जेल का प्रयोग त्वचा पर किया जाता है, यह अल्ट्रा वायलेट के ख़तरनाक किरणों से हमारी रक्षा करता है. दिल्ली की डॉ. दीपाली भारद्वाज का कहना है कि एलोवेरा में विटामिन सी, ई और बिटा कैरोटिन जैसी पौष्टिक और एंटी एजिंग गुण होते है जो की त्वचा को मोशराईज करता है. उनके अनुसार अगर इसके रस को खाली पेट पिया जाये तो यह पाचन में सुधार लाता है और पेट की सारी परेशानियों से निजात दिलाता है, जिससे अगर पेट साफ़ हो तो उसका असर हमारे त्वचा पर चमक के रूप में दिखता है. एलोवेरा में सोडियम और ग्लायेस्रिन आदि तत्व पाए जाते है. एलोवेरा का उपयोग सभी प्रकार के त्वचा पर होता है. त्वचा विशेषज्ञ का मानना है कि यह त्वचा पर पड़ने वाली रेखाओं, धूप से जली हुई त्वचा के निशान को हटाने में यह सहायक होता है. एलोवेरा को आप सीधे तौर पर या घरेलु रूप से कुछ मिलाकर पैक के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते है

इसके पैक को बनाने की विधि निम्नलिखित है-

  1. शुष्क त्वचा के लिए – जिनकी त्वचा शुष्क है उनके लिए एलोवेरा का जेल, एक चुटकी हल्दी, एक चम्मच शहद, एक चम्मच दूध और गुलाब जल को अच्छे से मिला कर इसका पेस्ट तैयार करके चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगा कर रखे, फिर सूखने के बाद अच्छे से सादे पानी से धो ले. आपकी त्वचा नरम और मुलायम, कांतिमय दिखने लगेगी.
  2. मृत त्वचा के लिए – त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए स्क्रब की आवश्यकता होती है. इसके लिए आधा कप एलोवेरा का जेल, एक कप शक्कर और नींबू के रस दो बड़े चम्मच इन सभी को मिलाकर इन्हें आप चेहरे के साथ ही पुरे शरीर पर भी कर सकते है.
  3. मृत कोशिकाओं के लिए पैक : मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए एलोवेरा जेल, गुलाब जल और बादाम के तेल तथा ककड़ी के पेस्ट को मिलाकर इसे अपने चेहरे पर लगा ले. इस पैक को लगाने से त्वचा हाइड्रेट होती है और चेहरा चिकना होता है.
  4. हरी चाय से एलोवेरा पैक बनाने की विधि : हरे चाय की मास्क बना कर अगर त्वचा पर लगाया जाए तो यह बुढ़ापे के असर को दिखने नहीं देता है. इसका पैक तैयार करने के लिए अवोकेडो और खीरा के साथ ही एक चम्मच एलोवेरा जेल, ग्रीन टी पानी इन सभी को मिलाकर पेस्ट बना ले, फिर इसे चेहरे पर 20 मिनट तक लगा कर सुखा ले और हल्के गुनगुने पानी से धो ले. चाय में एंटी ओक्सिडेंट भरपूर मात्रा में मिलते है जो बुढ़ापे के असर को दिखने से रोकते है.
  5. त्वचा को मोइशराईज करने के लिए एलोवेरा पैक : त्वचा को मोइशराईज करने के लिए एलोवेरा से बनने वाले पैक को इस प्रकार बनाया जा सकता है- इसके लिए जैतून का तेल, शेया बटर, एलोवेरा का जेल मिलाकर इसको 20 मिनट तक चेहरे पर रखे और फिर ठंडे पानी से धो ले. इसका इस्तेमाल आप होठों को भी मुलायम बनाने के लिए कर सकते है.  

 

बालों के लिए एलोवेरा

आजकल बालों की समस्यां को लेकर सभी लोग परेशान रहते हैं। बालों का झड़ना, बालों का सफेद होना बालों का रूखापन इस तरह की ना जाने कितनी और समस्याएं हैं पर ये सभी समस्याएं एलोवेरा के प्रभाव से दूर हो जाती हैं। आपको इसके लिए एलोवेरा जेल को सिर्फ आधे घंटा लगाना है। इसके बाद आप उसको धो सकते हैं। ऐसा आप महीने में सिर्फ दो बार करें। आपको इसके परिणाम कुछ ही महीनों में दिखाई देने लगेंगे। यह रूखे बालं को ऑयली करता है.

 

एलोवेरा जैल के बालों के लिए पैक

  1. बालों की सफाई के लिए : बालों को साफ़ करने के लिए एलोवरा के जेल में दो चम्मच बेसन और दही को मिलाकर इस पेस्ट को बालों पर 30 मिनट तक लगा कर सुखा ले, फिर इसे किसी माइल्ड शैम्पू से धो ले. इससे आपके बाल अच्छी तरह से साफ़ हो जायेंगे.
  2. बालों को नर्म बनाये रखने के लिए : एलोवरा का जेल तीन चम्मच, नींबू का रस और नारियल का तेल सभी को मिलाकर सिर पर अच्छे से मालिश करे, फिर 20 मिनट बाद धो दे. इस पैक को लगाने से बाल नरम होते है.
  3. बालों की मजबूती के लिए : बालों के स्वास्थ्य के लिए एलोवेरा और हिबिस्कुस अर्थात गुडहल फुल के 5 से 6 पत्तों को धो कर उन्हें जेल के साथ पीस ले, फिर इसे बालों पर 30 मिनट तक लगा कर छोड़ दे फिर इसे शैम्पू से धो ले. यह पैक आपके बालों को जड़ों से मजबूत करती है.

एलोवेरा जैल और लेटेक्स एलोवेरा के ये दो हिस्से सबसे अधिक लाभकारी होते हैं। ये जैल खोखली पत्तियों में पाया जाता है और लेटेक्स पत्ती के सबसे नीचे हिस्सा होता है।

घायल अवस्था में शरीर के अंग में रक्त का प्रवाह जब तीव्र गति से बढ़ता है इस रक्तप्रभाव को रोकने के लिए घाव भरने के लिए एवं कई त्वचा रोगों में मदद करता है।

 

एलोवेरा का दांतों के लिए लाभ 

एलोवेरा दांतों के लिए भी बहुत लाभकारी है यह दांतों में होने वाले बैक्टीरियल समस्याओं को रोकता है. इसका अध्ययन 300 लोगों के ऊपर किया गया जिसमे 100% तक शुद्ध एलोवेरा के रस को माउथवाश के रूप में 4 दिनों तक उपयोग करने को कहा गया. अधययन में पाया गया कि यह बहुत ही प्रभावी तरीके से मुहँ में मौजूद सारे वैक्टीरिया को खत्म कर मुंह से आने वाली बदबू ने निजात दिलाकर दांतों को साफ़ रखने में उपयोगी है.  

 

एलोवेरा में पाए जाने वाले तत्व

एलोवेरा में मौजूद कई विटामिन और खनिज शरीर के विकास में महत्वपूर्ण कार्य करते है. विटामिन बी 12, फोलिक एसिड, कोलिन, विटामिन ए, सी, इ ये सभी एंटी ओक्सिडेंट मिलते है. इसके अलावा इनमे आठ एंजाइम प्राप्त होते है जिनके नाम है अलीअसे, एल्कलाइन, फोस्फेत, एमिलेज, ब्रैडीकिनसे, कार्बोक्स्यपेप्तिदासे, कैटालासे, सेल्युल्स, लाईपेस और पेरोक्सीदसे ये सभी शामिल है. एलोवेरा में मिलने वाले मिनरल्स के नाम है- कैल्सियम, कॉपर, सेलेनियम, क्रोमियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम और जिंक आदि है. इसके अलावा इसमें 12 एन्थराकुइनोंएस पाए जाते है जो की एंटीवायरल और एंटीबक्टेरीयल के रूप में काम करते है. एलोवरा में फैटी एसिड भी पाए जाते है जिनमे शामिल है कोलेस्ट्रोल, काम्पेस्तेरोल, बेटासीसओस्तेरोल, लुपोल ये सभी एसिड मौजूद रहते है. इसके अलावा इसमें औक्सिंस और गिब्बेरेल्लिंस नामक दो हार्मोन भी मौजूद रहते है जो घाव को भरने में मददगार होते है. एलोवेरा में शर्करा की मात्रा भी मौजूद होती है जो कि है ग्लूकोज और फ्रुक्टोस.

एक कप एलोवेरा के जूस में मिलने वाले पोषक तत्व का विवरण नीचे टेबल में दर्शित किया गया है :

पोषक तत्व मात्रा  प्रतिशत
कैलोरी 131 कार्ब्स 95%, फैट 2%
कार्बोहाइड्रेट 31.92 ग्राम 11%
प्रोटीन 0.89 ग्राम 3%
कैल्सियम 40 मिली ग्राम 3%
विटामिन सी 18 मिली ग्राम 31%
पोटैशियम 724.2 मिली ग्राम 21%
सोडियम 10 ग्राम 1%

 

एलोवेरा जूस बनाने की विधि

बाजार में बिकने वाले एलोवेरा जूस को लम्बे समय तक खराब होने से बचाने के लिए उसमें कई प्रकार के केमिकल मिलाये जाते हैं इसलिए बाजार से खरीदे हुए एलोवेरा जूस का ज्यादा सेवन अच्छा नहीं है

एलोवेरा का शुद्द जूस बनाने के लिए अपने घर पर किसी गमले या क्यारी में एलोवेरा लगा लें एलोवेरा का जूस बनाने के लिए, एलोवेरा के ताजा गूदेदार पत्ते को काट लें अब इस पत्ते की परत को चाकू से छिल लें क्यूंकि इस इसे छिलने पर ही अंदर से गूदा निकलेगा
अब आपको पारदर्शी जैल मिलेगा इस जैल को चाकू से छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर मिक्सी में पीस लें और इस प्रकार आपका जूस बनकर तैयार हो जाता है

एलोवेरा के जूस को बनाने के लिए हम कई तरह की विधि का उपयोग कर सकते है.

 

खुराक और साइड इफेक्ट्स

यह तो हम जानते है कि गुणों की खदान है एलोवेरा, लेकिन जहां फायदे है वहां नुकसान भी देखने को मिलता है। एलोवेरा पौधे से बनी दवाईयों में औषधीय गुण होते हैं। यह हम अच्छी तरह से जानते है, इसमें कोई शक की बात ही नही है। यह कई रोगों में बहुत असरदार भी साबित होती है, पर साथ ही इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए और आंख मूंद कर एलोवेरा से दवा बनाने वालों के दावों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। लेटेक्स एलोवेरा… ये ऐलोवेरा की साबूत पत्तियों से बने जूस में पाया जाता है, जिसे ”एलॉय लेटेक्स” भी कहते हैं। अपने पाचन की क्रिया को सदृढ़ बनाने के लिए लोग इसे भोजन से पहले पीते हैं, ताकि उनका पाचन मजबूत हो, और कब्ज से दूर रहें। पर आप नही जानते ये उतना ही नुकसानदायक होता है। कहीं आप उल्टे ही डायरिया और पेट में मरोड़ जैसे रोग के शिकार न हो जाएं।

एलोवेरा के कुछ नुकसान और भी है जो की निम्नलिखित  है 

एलोवेरा को सीधे तौर पर खाने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है क्योकि इसका स्वाद प्राकृतिक रूप से थोडा सा कडवा होता है, जिससे आप इसको सही मात्रा में नहीं खा पाएंगे. इसके लिए आप इसके जेल का कुछ सब्जियों या फलों के साथ मिश्रण तैयार करके इसेग्रहण कर सकते है. अगर आप चाहे तो इसमें शहद और नींबू की भी कुछ बूंदे मिला कर सेवन कर सकते है.