आलू की बोरी!
तीन अपराधी जेल से भाग गए एक मद्रासी एक गुजराती और संता।
जेल से भागने के बाद वे काफी दूर निकल आये थे जब उन्हें लगा कि काफी दूर आ गए है तो तीनों एक जगह आराम करने लगे तभी उन्हें दूर कुछ लोग आते हुए नजर आये उन्होंने आपस में कहा, "हो नो हो ये पुलिस वाले है जो हमारा पीछा कर रहे है।"
वे तीनों अफरातफरी में ऊपर पहाड़ी की तरफ चढ़ने लगे अभी थोड़ा दूर ही गए थे कि उन्हें वहां एक झोपड़ा नजर आया और वे तीनों उस में घुस गए।
पुलिस उनका पीछा करते करते वहां भी पहुँच गयी तो तीनों ने अपने आप को बड़ी बड़ी बोरियों छुपा लिया, पुलिस वाले ने सिपाई से कहा देखो तो जरा इन बोरियों में क्या है?
सिपाई ने पहली बोरी को टटोला और एक जोर की लात मार दी, उस बोरी में मद्रासी था उसने ... बाऊं.....बाऊं की आवाज की।
सिपाई ने कहा, "साहब इसमें कुत्ता है।"
दूसरी बोरी पर भी लात मारी तो उसमें गुजराती था, उसने मिं...आऊं मिं...आऊं की आवाज की।
सिपाई ने कहा,"इसमें तो बिल्ली है साहब।"
फिर उसने तीसरी बोरी पर लात मारी जिसमें संता था उसने एक.. दो..तीन..चार लातें मारी पर उसमें से कोई आवाज नहीं आयी उसने फिर उस पर लातें मारनी शुरू कर दी और अंत में जब लातें सहन नहीं हुई तो बोरी के अन्दर से संता ने कहा, "आलू हूँ कम्बखत आलू।"
दांत का दर्द!
जीतो बड़ी हड़बड़ी में दांत के डॉक्टर के पास गई और बोली,"डॉक्टर साहब! मैं बहुत जल्दी में हूं।"
मुझे एक जरूरी मीटिंग में जाना है इसलिए एनस्थीसिया (निश्चेतक) मत लगाइये और जल्दी से दांत बाहर निकाल दीजिये।
डॉक्टर ने मन ही मन मुस्कुराते हुए कहा,"कमाल की बहादुर औरत है।"
फिर उसने जीतो से बोला, ठीक है, जैसी आपकी मर्जी।
इस कुर्सी पर बैठ जाइये और बताइये कौन से दांत में दर्द है।
जीतो ने दरवाजे के पास खड़े अपने पति संता को आवाज दी,"चलो! डॉक्टर साहब को दांत दिखाओ।"
स्वर्ग में क्रिकेट है क्या?
संता और बंता काफी सालो से अच्छे दोस्त थे, और अब दोनों की उम्र अब लगभग 90 के आसपास हो चुकी थी।
एक बार संता बहुत बीमार पड़ गया तो बंता उससे रोज मिलने के लिए आता और रोज वे अपने दोस्ती के किस्से दोहराते।
गुज़रते वक़्त के साथ संता और बंता दोनों को ही अब लगभग यकीन हो चला था कि संता अब बस चंद दिनो का ही मेहमान है, तो एक दिन बंता ने संता से कहा, ''देखो जब तुम मर जाओगे, तो क्या मेरे लिए एक काम करोगे?''
संता: कौन सा काम?'
क्योंकि संता और बंता दोनों ही क्रिकेट के बहुत दीवाने थे इसीलिए बंता ने संता से कहा, "तुम मरने के बाद क्या मुझे यह बताओगे कि स्वर्ग में क्रिकेट है या नहीं?"
संता: क्यों नहीं जरुर।
और कुछ दिनों के बाद संता भगवान को प्यारा हो गया।
कुछ दिन बाद बंता जब सो रहा होता है संता उसके सपने में आता है और कहता है, ''तुम्हारे लिए मेरे पास दो खबरें है. . .एक बुरी और एक अच्छी।
बंता: तो पहले अच्छी खबर सुनाओ।
संता: अच्छी खबर यह है कि स्वर्ग में क्रिकेट है।
बंता:और बुरी खबर?
संता: बुरी खबर यह है कि तुम्हें आनेवाले रविवार को होने वाले मैच में बॉलिंग करनी है।
संता की वकालत!
प्रोफेसर: अगर तुम्हे किसी को संतरा देना हो तो क्या बोलोगे?
संता: ये संतरा लो।
प्रोफेसर: नहीं, एक वकील की तरह बोलो।
संता: मैं एतद द्वारा अपनी पूरी रुचि और बिना किसी के दबाव में यह फल जो संतरा कहलाता है, को उसके छिलके, रस, गुदे और बीज समेत देता हूँ और साथ ही इस बात का सम्पूर्ण अधिकार भी कि इसे लेने वाला इसे काटने, छीलने, फ्रिज में रखने या खाने के लिये पूरी तरह अधिकार रखेगा और साथ ही यह भी अधिकार रखेगा कि इसे वो दूसरे को छिलके, रस, गुदे और बीज के बिना या उसके साथ दे सकता है...और इसके बाद मेरा किसी भी प्रकार से इस संतरे से कोई संबंध नहीं रह जाएगा।
कुदरत का धोखा!
एक मरीज डॉक्टर के पास गया।
मरीज: डॉक्टर साहब मेरे कान में मटर का पौधा उग आया है।
डॉक्टर: यह तो बड़ी हैरानी की बात है!
मरीज: जी हां डॉक्टर साहब हैरानी की बात तो है ही क्योंकि मैंने तो अपने कान में भिन्डी के बीज डाले थे।
शादी या बर्बादी!
एक बार संता और बंता एक पार्क में बैठे हुए बातें कर रहे होते हैं तो संता, बंता से कहता है।
संता: यार मैंने प्यार-मोहब्बत से तौबा कर ली है, अब आगे से किसी हसीन लड़की की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखूंगा।
बंता: क्यों? क्या किसी लड़की ने तुम्हें ठुकरा दिया?
संता: नहीं यार।
बंता: तो फिर क्या हुआ?
संता: यार, उसने मुझसे शादी कर ली।