आलस की भी हद है!
संता और बंता एक रोज आलस के मारे एक कमरे में लेटे हुए थे।
बंता: यार जरा बाहर जाकर तो देख, बारिश हो रही है क्या?
संता: हाँ, बारिश हो रही है।
बंता: बिना देखे ही तू कैसे कह सकता है?
संता: अभी-अभी जो बिल्ली अंदर आई थी वो भीगी हुई थी, इसका मतलब बारिश हो रही है।
थोड़ी देर बाद बंता फिर बोला, "जरा बत्ती तो बुझा दे यार, मुझे रौशनी में नींद नहीं आती।"
संता: आंखें बंद कर लो अपने-आप अंधेरा हो जायेगा।
बंता झल्लाकर बोला, "कम से कम दरवाजा तो बंद कर ले।"
संता: अब दो काम मैंने कर दिए, एक-आध काम तू खुद भी कर ले।
समझदार पुलिसवाला!
एक बार संता इंडिया गेट के सामने खडा हुआ चिल्ला- चिल्ला के कह रहा था, "प्रधानमंत्री निकम्मा है, प्रधानमंत्री निकम्मा है।"
तभी उधर से एक पुलिसवाला निकला, तो उसने संता को गिरफ्तार कर लिया और बोला, "प्रधानमंत्री की बेइज्जती करता है, चल थाने अभी तेरा दिमाग ठिकाने लगाता हूं।"
संता: जनाब मुझे माफ़ कर दो मैं तो इंग्लैंड के प्रधानमंत्री के बारे में बोल रहा था।
पुलिसवाला: क्यों बे तूने क्या मुझे बेवकूफ समझ रखा है? क्या मुझे नहीं पता कि कहां का पीएम निकम्मा है।
संता का बदला!
संता अपने पडोसी दोस्त बंता से बोला, "अबे आज सुबह तेरे कुत्ते ने मेरी किताब फाड़ दी।"
बंता: मैं उसे अभी सजा देता हूँ।
संता: रहने दे भाई, मैंने सजा दे दी है।
बंता हैरानी से, "कैसे?"
संता: मैंने उसके कटोरे का दूध पी लिया।
लोग अलग, सुरूर अलग!
हवाई जहाज में शराब के चार-पांच पैग पीने के बाद;
ब्रिटिश: अब मैं सोने जा रहा हूँ।
अमेरिकन: मैं अपना ऑफिस का काम निपटाने जा रहा हूँ।
जर्मन: मैं अभी फिल्म देखूंगा।
चीनी: मैं तो अब संगीत सुनना चाहता हूँ।
संता: भाई तो आज प्लेन उडाएगा।
संता का अमर-प्रेम!
एक बार जीतो बड़े रूमानी अंदाज़ में संता से पूछती है, " सुनो जी, तुम मुझसे कितना प्यार करते हो?"
संता: बेहद?
जीतो: फिर भी कितना?
संता: जितना शाहजहां, मुमताज से करता था।
जीतो: मतलब अगर मैं मर जाऊं तो तुम मेरे लिए ताजमहल भी बनवाओगे।
संता: जानू, मैंने तो जगह भी देख रखी है, बस तेरे मरने का इंतज़ार कर रहा हूं।