आखिरी इच्छा!
एक बार एक आदमी अपने घर के पीछे पेड़ लगाने कि लिए गढ्ढा खोद रहा था, कोई 2 फुट खोदने के बाद उसे एक चिराग मिला। उसने उसे बाहर निकाला और उसे साफ़ करने लगा अचानक ही उससे एक जिन्न प्रकट हो गया और कहने लगा मैं तुम्हारी तीन इच्छाएँ पूरी कर सकता हूँ।
उस आदमी ने सोचा कि ये तो बहुत अच्छा है।
जिन्न ने कहा, "तुम मुझे पहले ये बताओ कि तुम सबसे ज्यादा नफरत किससे करते हो?"
उस आदमी ने कहा कि मैं अपने पडोसी से सबसे ज्यादा नफरत करता हूँ।
जिन्न ने कहा, "देखो तुम्हारी जो भी तीन इच्छाएँ होगी या जो भी तुम मांगोगे तुम्हारे पडोसी को उसका दुगना मिलेगा।"
उस आदमी ने जल्दबाजी में जिन्न से कहा कि उसे 1 करोड़ रूपए दे दो।
जिन्न ने कहा, "ठीक है पर तुम्हारे पडोसी को दो करोड़ मिलेंगे।"
उस आदमी ने अपनी दूसरी इच्छा भी जल्द ही मांग ली उसने जिन्न से कहा कि उसे एक बहुत बड़ा बंगला नौकरों के साथ चाहिए।
जिन्न ने कहा, "मिल जायेगा पर पडोसी को दो बंगले मिलेंगे वो भी दुगने नौकरों के साथ।"
अब उस आदमी की आखिरी इच्छा बची थी उसने सोचा कि मैं जो भी मांग रहा हूँ पडोसी को उसका दुगना मिल रहा है तो बड़े सोच विचार के बाद उसने जिन्न से कहा कि मेरी आखिरी इच्छा ये है कि आप मुझे मार मार कर अधमरा कर दो।
उस औरत ने अपने आप को थोड़ा संभाला और सिसकते हुए कहा, "नहीं, उनसे बस छूट गयी है।"
उदास क्यों हो?
संता और बंता कई दिनों बाद मिले संता कुछ उदास सा लग रहा था और आँखों में आंसू थे।
बंता ने पूछा, "अरे तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे तुम्हारा सुब कुछ लुट गया हो क्या बात है?"
संता ने कहा, "अरे क्या बताऊँ तीन हफ्ते पहले मेरे अंकल गुजर गए और मेरे लिए 50 लाख रूपए छोड़ गए।"
बंता: तो इसमें बुरी बात क्या है?
संता ने कहा: और सुनो दो हफ्ते पहले मेरा एक चचेरा भाई मर गया जिसे मैं जानता भी नहीं था वो मेरे लिए 20 लाख रूपए छोड़ गया।
बंता ने कहा: ये तो अच्छा हुआ।
बंता ने कहा: पिछले हफ्ते मेरे दादाजी नहीं रहे और वो मेरे लिए पूरा 1 करोड़ छोड़ गए।
बंता ने कहा: ये तो और भी अच्छी बात है पर तुम इतना उदास क्यों हो?
संता ने कहा: इस हफ्ते कोई भी नहीं मरा।