एक बार वेटर संता और उसका साथी बंता आपस में बातें कर रहे होते है की तभी अचानक संता, बंता से कहता है;
संता: बंता तुझे पता है वो जो 11 नंबर कमरे वाले साहब हैं ना वो कल बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए!
बंता: क्यों क्या हुआ?
संता: होना क्या था, रात को उन्होंने शराब पीकर स्वीमिंग पूल में छलांग लगा दी!
बंता: तो क्या पूल में पानी नहीं था?
संता: अरे यार पूल में पानी तो था पर जहां छलांग लगाई, वहां स्वीमिंग पूल नहीं था!
पत्नी की तलाश!
मार्केट में घूमते हुए संता एक खूबसूरत लड़की से टकरा गया तो वह उस से बोला;
संता: क्या मैं आपसे थोड़ी देर बात कर सकता हूं?
लड़की: पर मैं तो आपको जानती भी नहीं हूं!
संता: तो मैं कौन सा आपको जानता हूं, वो दरअसल बात यह है की मेरी बीवी जीतो कहीं खो गई है!
लड़की: तो इसमें मैं क्या कर सकती हूं?
संता: दरअसल, जब भी मैं किसी सुंदर लड़की से बात करता हूं तो वो पता नहीं कहां से आ जाती है!
एक बार संता की शादी एक चाइनीज (चीनी) लड़की से हो जाती है, अभी संता कि शादी को छः महीने ही गुजरे होते हैं कि एक दिन अचानक उसकी पत्नी मर जाती है, इस घटना से दुखी होकर संता एक दिन बंता से अपना दुःख सांझा कर रहा होता है और कहता है;
संता: यार ना जाने क्यों कभी-कभी तेरी भाभी कि बड़ी याद आती है?
संता की बात सुन बंता उसे समझाते हुए कहता है;
बंता: क्या करें यार भगवान् की मर्ज़ी के आगे हम इंसान क्या कर सकते हैं!
संता: यार पर अभी तो तेरी भाभी की उम्र भी कोई ज्यादा नहीं थी!
संता की बात सुन बंता जवाब देता है;
बंता: अब चुप भी हो जा यार, आखिर था तो चाइना का माल ही ना और कितने दिन चलता!
एक बार पोल्ट्री के व्यापार में घाटा होने के बाद संता ने सभी मुर्गियों से कहा;
संता: "कल जिसने भी दो से कम अंडे दिए मैं उसे गोली से उड़ा दूंगा!
अगली सुबह संता जब वापस पोल्ट्री फॉर्म आया तो उसने देखा की सभी मुर्गियों ने दो-दो अंडे दिए हुए थे, बस एक ने मात्र एक अंडा दिया हुआ था!
यह देख संता ने कड़क आवाज़ में उस से पूछा, "तुमने सिर्फ एक अंडा क्यों दिया क्या तुम्हे याद नहीं मैंने क्या कहा था"?
जैसे ही संता की बात खत्म हुई सामने से जवाब आया," साहब यह एक अंडा भी मौत के डर से दिया है वर्ना मैं तो मुर्गा हूं!
एक बार संता डॉक्टर के पास जाता है और डॉक्टर से कहता है;
संता: डॉक्टर साहब, कोई ऐसा नुस्खा बताइए जिस से मैं लम्बा जीवन जी सकूं!
संता की बात सुन डॉक्टर उसे बड़े गौर से देखता है और पूछता है;
डॉक्टर: क्या तुम्हारी शादी हो गयी है?
संता : नहीं डॉक्टर साहब!
डॉक्टर: तो जाओ जाकर शादी कर लो!
संता: क्या बात कर रहे हो डॉक्टर साहब, शादी करने से भी कहीं लम्बी उम्र होती है?
डॉक्टर: नहीं, शादी कर लेने से लम्बा जीवन जीने की इच्छा खत्म हो जाती है!
एक बार एक हवाई जहाज़ की कम्पनी अपने जहाज़ पर पेंट करवाने का ठेका देने के लिए अखबार में इश्तिहार निकालती है, जिसे देख कर संता, बंता और पप्पू नीलामी में बोली लगाने के लिए जाते हैं और वहां पहुँच कर अपनी अपनी बोली लगाते हैं;
संता: मैं इस जहाज़ को पेंट करने के लिए 5 लाख रूपए लूँगा!
मैनेजर: नहीं नहीं यह तो बहुत महंगा है!
इसके बाद पप्पू अपनी बोली लगाता है;
पप्पू: मैं इस जहाज़ को पेंट करने के 4 लाख रूपए लूँगा!
मैनेजर: नहीं यह भी बहुत महंगा है!
संता और पप्पू की बोली सुन कर बंता कुछ देर सोचता और अपनी बोली लगता है;
बंता: मैं ये जहाज़ 500 रूपए में पेंट कर दूंगा!
बंता की बात सुन कर मैनेजर हैरानी से बंता से पूछता है;
मैनेजर: बंता जी आपको नहीं लगता की ये कीमत कुछ ज्यादा ही कम है और आपको इस सौदे में नुकसान उठाना पड़ सकता है!
बंता: ओये नुकसान कैसा, ये दोनों तो बेवकूफ है मैं तो हवाई जहाज़ को तब पेंट करूँगा जब वह आसमान में चला जाएगा और छोटा हो जाएगा तब मैं सीढ़ी लगाकर उस पर रंग कर दूंगा!
एक बार संता और बंता एक कोयले की खदान में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाते हैं तो मैनेजर पहले बंता को बुलाता है और उसका इंटरव्यू लेता है;
मैनेजर: क्या तुमने इस से पहले भी कभी खदान में काम किया है!
बंता: जी हाँ!
मैनेजर: अच्छा तो मुझे यह बताओ की उसकी गहराई कितनी थी?
बंता: जी 20 फुट!
बंता की बात सुन मैनेजर को गुस्सा आ जाता है तो वह उस से कहता है;
मैनेजर क्या बकवास कर रहे हो 20 फुट गहरी भी कोई खदान होती है, तुम झूठ बोल रहे हो इसीलिए मेरे कमरे से बहार निकल जाओ!
मैनेजर की बात सुन बंता बहार आ जाता है और संता को अन्दर हुई सारी बात बताता है और कहता है;
बंता: अगर मैनेजर अन्दर तुमसे खदान की गहराई के बारे में पूछे तो ज्यादा से ज्यादा बताना!
उसके बाद संता की बारी आती है तो मैनेजर फिर उस से वही सवाल पूछता है;
मैनेजर: क्या तुमने इस से पहले कभी खदान में काम किया है?
संता: जी हाँ!
मैनेजर: अच्छा तो उस खदान की गहराई कितनी थी?
संता: जी 20,000 हज़ार फुट!
मैनेजर: बहुत बढ़िया तो एक बात और बताओ की इतनी गहराई में काम करते वक्त तुम किस तरह की लाईटों का प्रयोग करते थे?
संता: जी मुझे कभी लाईटों की ज़रूरत नहीं पड़ी क्योंकि मेरी दिन की शिफ्ट होती थी!
एक रात दो बजे बहुत तेज़ बारिश हो रही थी तो संता ने एक घर की घंटी बजाई और पूछा;
संता: भाई साहब मेहरबानी करके धक्का लगा देंगे क्या ?
आदमी नींद में था इसलिए मना कर दिया और अन्दर आ गया, परन्तु फिर उसे एहसास हुआ की कभी वो खुद बारिश में फंस जाये और कोई उसकी मदद न करे तो?
यह सोच कर वह उठा और बाहर जा कर बोला;
आदमी: क्या तुम्हे अभी भी धक्का चाहिए?
संता की आवाज़ आई: हाँ!
आदमी: ठीक है पर तुम हो कहाँ?
संता: यहाँ गार्डन में झूले पर!
संता और बंता काफी सालो से अच्छे दोस्त थे, और अब दोनों की उम्र अब लगभग 90 के आसपास हो चुकी थी।
एक बार संता बहुत बीमार पड़ गया तो बंता उससे रोज मिलने के लिए आता और रोज वे अपने दोस्ती के किस्से दोहराते।
गुज़रते वक़्त के साथ संता और बंता दोनों को ही अब लगभग यकीन हो चला था कि संता अब बस चंद दिनो का ही मेहमान है, तो एक दिन बंता ने संता से कहा, ''देखो जब तुम मर जाओगे, तो क्या मेरे लिए एक काम करोगे?''
संता: कौन सा काम?
क्योंकि संता और बंता दोनों ही क्रिकेट के बहुत दीवाने थे इसीलिए बंता ने संता से कहा, "तुम मरने के बाद क्या मुझे यह बताओगे कि स्वर्ग में क्रिकेट है या नहीं?"
संता: क्यों नहीं जरुर।
और कुछ दिनों के बाद संता भगवान को प्यारा हो गया।
कुछ दिन बाद बंता जब सो रहा होता है तो संता उसके सपने में आता है और कहता है, ''तुम्हारे लिए मेरे पास दो खबरें है. . .एक बुरी और एक अच्छी।
बंता: तो पहले अच्छी खबर सुनाओ।
संता: अच्छी खबर यह है कि स्वर्ग में क्रिकेट है।
बंता:और बुरी खबर?
संता: बुरी खबर यह है कि तुम्हें आनेवाले रविवार को होने वाले मैच में बॉलिंग करनी है।
एक बार संता एक दुकान पर गया और दुकानदार से बोला।
संता: साबुन है ?
दुकानदार: नहीं।
संता: सिगरेट है ?
दुकानदार: नहीं।
संता: माचिस है ?
दुकानदार: नहीं।
संता: अच्छा चीनी तो होगी?
दुकानदार: नहीं भाईसाहब वो भी नहीं।
संता (गुस्से से): ताला है ?
दुकानदार: हाँ, है।
संता: तो फिर दुकान को लगा दे और घर बैठ।
एक बार संता एक मोबाइल फोन की दुकान पर गया और दुकानदार से बोला, " मुझे नोकिया का बड़ी स्क्रीन वाला फोन दिखाओ।"
संता की बात सुन दुकानदार ने उसे एक बड़ी स्क्रीन वाला नोकिया फ़ोन दिखया, संता ने वह फ़ोन हाथ में उठाया उसे ऑन किया और फिर उसे ऑफ करने के बाद उसे कुछ देर देख कर रख दिया और दुकानदार से बोला, " इससे भी बड़ी स्क्रीन वाला।"
दुकानदार ने एक और उससे भी बड़ी स्क्रीन वाला फ़ोन उसे दिखाया, संता ने वह फ़ोन हाथ में उठाया उसे ऑन किया और फिर उसे ऑफ करने के बाद उसे कुछ देर देख कर रख दिया, और दुकानदार से बोला, " इस से भी बड़ी स्क्रीन वाला।"
संता: अरे भाई तुम्हारी समझ नहीं आता क्या मैंने कहा बड़ी स्क्रीन वाला नोकिया फ़ोन दिखाओ।
इस बार दुकानदार ने उसे सबसे बड़ी स्क्रीन वाला नोकिया फ़ोन दिखाया तो संता ने फिर वैसा ही किया और दुकानदार से बोला," और बड़ी स्क्रीन वाला।"
दुकानदार: भाई साहब पहली बात तो यह की इससे बड़ी स्क्रीन वाला नोकिया का कोई फ़ोन आता नहीं है, और दूसरी बात यह की क्या आप मुझे बताएँगे कि इससे बड़ी स्क्रीन वाला फ़ोन आपने करना क्या है?
संता: कुछ नहीं यार बस मैं यह देखना चाहता हूँ की जब भी मैं फोन ऑन करता हूँ तो वो दो लोग कौन हैं जो इसके अन्दर हाथ मिलाते हैं।
संता ने पीने की गंदी लत छोडऩे का मन बनाया और अपने घर में से दारू की कई बोतलें उठाईं और फेंकने लगा।
पहली खाली बोतल फेंकते हुए,"तूने मेरा घर बरबाद कर दिया जा भाड़ में"।
दूसरी खाली बोतल उठाते हुए,"तूने मेरी बीवी से मेरा तलाक करवा दिया ले तेरा काम तमाम"।
तीसरी खाली बोतल फेंकते हुए,"तूने मेरे बच्चों से मुझे जुदा करवा दिया, जा तू भी जहन्नुम में जा"।
चौथी खाली बोतल फेंकते हुए,"तूने मेरी नौकरी छुड़वा दी तू भी चूर-चूर हो जा"।
पांचवीं बोतल उसके हाथ में भरी हुई आ गयी तो संता बोला, "तू यहीं पड़ी रह इन सारी चीजों में तेरा कोई दोष नहीं है"।
एक दिन संता अपनी मोटरसाइकिल पर पाकिस्तान से हिंदुस्तान आते समय बॉर्डर पर पकड़ा गया। उसने अपने कंधे पर एक बड़ा सा बैग लटका रखा था।
दरोगा बंता ने संता से कड़ककर पूछा,"इस बैग में क्या है?"
संता ने नम्रतापूर्वक जवाब दिया,"रेत है साब जी।"
परन्तु दरोगा बंता को जवाब से संतोष नहीं हुआ। उसने सिपाहियों को बैग की तलाशी लेने का आदेश दिया। बैग में सचमुच रेत के अलावा कुछ नहीं निकला तो मजबूरन दरोगा को उसे छोड़ना पड़ा।
कुछ दिनों बाद फिर इसी तरह संता मोटरसाइकिल पर कंधे पर बैग लटकाए पकड़ा गया । दरोगा बंता ने फिर बैग की तलाशी ली परन्तु उसमें रेत के अलावा कुछ भी ऐसा नहीं निकला जो आपत्तिजनक हो। संता फिर छोड़ दिया गया।
फिर तो ऐसा महीने में दो-तीन बार होने लगा। दरोगा बंता का शक भी बढ़ने लगा पर कोई सबूत हाथ न लगने से संता हर बार बचकर निकल जाता था।
लगभग सात-आठ महीने तक यही क्रम चलता रहा फिर एकाएक संता का आना बन्द हो गया। कुछ महीने बाद जब बंता छुट्टी पर आया तब उसने संता को दिल्ली के एक मंहगे होटल में कॉफी की चुस्कियां लेते देखा तो वह उसके पास गया।
बंता ने बड़े दोस्ताना लहजे में कहा," संता, एक बात बताओ मुझे पूरा यकीन है कि तुम बॉर्डर पर किसी चीज की तस्करी कर रहे थे। पर वह क्या चीज थी जो मेरी नजरें पकड़ नहीं सकीं? कम से कम वह रेत तो बिलकुल नहीं थी।
संता ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया "मोटरसाइकिल"।